अमरनाथ
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Aug- 2023 -9 Augustरामपुर की रामकहानी
माई : जब जिन्दा लौट आई
रामपुर की रामकहानी-14 1976 के नवंबर की दूसरी तारीख। शिक्षकों में सूचना फैल गयी कि इस माह का वेतन भी पंद्रह से पहले नहीं मिलेगा। डेढ़ सौ रूपये महीने की सैलरी, वह भी समय से नहीं। अगस्त और…
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Jul- 2023 -27 Julyरामपुर की रामकहानी
माई : महिमा बरनि न जाई
रामपुर की रामकहानी-13 माई का जन्म केवल दुख सहने के लिए हुआ था क्या? पति मामूली किसान, जिनके पास दो बैल की खेती भी नहीं। बैलगाड़ी से कुछ इधर- उधर की कमाई न कर लें तो परिवार को दो…
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Apr- 2023 -6 Aprilरामपुर की रामकहानी
ममहर का मोह
रामपुर की रामकहानी-11 अँजोरिया रात थी। सुकवा उगने से पहले ही मामा के साथ मैं ममहर की ओर चल दिया। माई की आँखों से आँसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। बाऊजी ने मेरे सिर पर हाथ फेरा।…
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Feb- 2023 -16 Februaryरामपुर की रामकहानी
सुर्ती से दारू तक
रामपुर की रामकहानी-11 जीवन प्रकृति का सुन्दरतम उपहार है और इसे जीने का साधन है हमारा शरीर। इसीलिए बाऊजी कहा करते थे, “पहला सुख निरोगी काया”। अगर शरीर नीरोग है तो आनंद ही आनंद है और अगर शरीर…
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Jan- 2023 -17 Januaryरामपुर की रामकहानी
कान्हे आली
रामपुर की रामकहानी-10 और सबेरे दस बजते-बजते कान्हे आली के प्राण पखेरू उड़ गए। सुबह का वक्त था। गाँव के लोगों की भीड़ जमा थी। कल तीसरे पहर ही जब उनको लेने एम्बुलेंस आयी थी और उनकी दशा देखकर…
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Dec- 2022 -21 Decemberरामपुर की रामकहानी
कउड़ा
रामपुर की रामकहानी –9 मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी है ‘कफन’, जिसमें बाप बेटे- घीसू और माधव अपनी झोंपड़ी के बाहर अलाव में भुना हुआ आलू खा रहे हैं और बेटे की जवान बहू बुधिया प्रसव- वेदना से…
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3 Decemberशख्सियत
वरवर राव : कविता से क्रान्ति
आजाद भारत के असली सितारे – 59 मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य को राजनीति के आगे मशाल दिखाती हुई चलने वाली सचाई कहा है और लिखा है, कि हमारी कसौटी पर वही साहित्य खरा उतरेगा “जो हममें गति…
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Nov- 2022 -30 Novemberशख्सियत
राजीव दीक्षित : स्वदेशी आन्दोलन के असाधारण प्रवक्ता
आजाद भारत के असली सितारे – 58 हमारे देश में स्वदेशी को देशप्रेम से जोड़कर देखने वालों की संख्या बहुत हैं। लोग स्वदेशी कंपनियों के उत्पाद को अपनाना प्रकारान्तर से देश की सेवा के रूप में देखते हैं। उनका…
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Oct- 2022 -31 Octoberशख्सियत
इंदिरा गाँधी : ‘अटल’ की ‘दुर्गा’
आजाद भारत के असली सितारे – 57 “मैं आज यहाँ हूँ। कल शायद यहाँ न रहूँ। मुझे चिंता नहीं मैं रहूँ या न रहूँ। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना…
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Sep- 2022 -27 Septemberशख्सियत
लोहियावादियों की लाज : किशन पटनायक
आजाद भारत के असली सितारे – 55 डॉ. राम मनोहर लोहिया के बाद की भारतीय राजनीति, साहित्य अथवा संस्कृति के क्षेत्र पर जब मैं नजर दौड़ाता हूँ तो मुझे सबसे ज्यादा नैतिक पतन लोहियावादियों का ही दिखाई देता है।…
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