सामयिक

कोरोना वायरस : एक महासंकट

 

  • रेशमा त्रिपाठी

 

कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होने वाला नोबेल कोरोनावायरस इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी मुकुट के आकार में कांटे के जैसा दिखाई देता है, इसे लातिनी भाषा में कोरोना कहा जाता हैं जिसका हिन्दी अर्थ होता हैं– मुकुट। कोरोनावायरस से पब्लिक हेल्थ के लिए इमरजेंसी का मुद्दा भी बना हुआ हैं केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री ने भी कोरोनावायरस के विषय में बैठक की स्वास्थ्य मन्त्री के अनुसार अब तक 657 पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा चुके हैं और इनकी संख्या आगे भी बढ़ सकती हैं| केरल, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, आगरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश इत्यादि राज्यों में मामले देखने को मिले। अब तक इस वायरस से लगभग 198 देश प्रभावित हो चुके हैं, पूरी दुनिया में लगभग 21295 लोगों की मौत हो चुकी हैं और 471363 मामले सामने आए हैं। बचाव एवम् प्रबन्धन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के साथ मिलकर सामूहिक प्रयास की घोषणा भी की गयी हैं इसके अलावा उच्च स्तर पर जागरूकता और सतर्कता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं हाल ही में होली मिलन समारोह स्थगित कर दिया गया विद्यालय, विश्वविद्यालय में जागरूकता रैली का प्रावधान करने का भी आदेश दिया गया।

पढ़ें- कोरोना के बाद हंता वायरस का दस्तक

जरूर देखें- आखिर कोरोना है क्या?

भारत हिन्दू राष्ट्र की ओर

Image result for कोरोना वायरस जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोग सर्तक हो सकें। सरकार बचाव हेतु मास्क, डिटाल से हाथ धुलने, नमस्ते करने जैसीं व्यवहार शैली पर जोर दे रही हैं। रणनीतिक दृष्टिकोण की बात करें तो सामूहिक रोकथाम के लिए (cluster containment strategy) के लिए जिला अधिकारियों की जवाबदेही तय की गयी हैं इसके अलावा लोगों के आपसी सम्पर्क पर भी नजर रखने के साथ वायरस के व्यापक फैलाव को रोकने के लिए राज्य और जिला निगरानी की टीम को भी मजबूत किया गया हैं साथ ही चिकित्सालयों में जांच डायग्नोसिस के लिए विशेष लेबोरेटरी लॉजिस्टिक प्रबन्धन तथा संक्रमित लोगों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था की गयी हैं। प्रिन्ट इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया स्थानीय केबल टीवी चैनल, एफएम रेडियों के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं साथ ही दूसरे देशों से भारत आने वाले यात्रियों को भी व्यापक जाँच करवाना इत्यादि विषयों पर सरकार तेजी से तैयारी कर लोगों को सुरक्षित करने का प्रयास कर रही हैं साथ ही बचाव हेतु कुछ बिंदुओं पर सुझाव भी दे रही हैं जैसें– कि आप बाहर का खाना ना खाए, घर के खाने का सेवन करें, ताजा भोजन करें, खांसी, छींक आने पर मुंह पर कभर रखें, बाहर निकलते समय मास्क पहने, जानवरों से दूर रहे इत्यादि।

नोवेल कोरोना वायरस से स्वयं भी सजग रहें व ग्रामीणों को भी जागरूक करें

Image result for कोरोना वायरस स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर covid–19 से मरने वालों की संख्या इन्यलुएंज से काफी ज्यादा हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संक्रमित लोगों की पहचान इंटीग्रेट डिजिटल सर्विलांस प्रोग्राम द्वारा (IDSP) नेट वर्क के द्वारा किया जा रहा हैं यदि आर्थिक दृष्टिकोण की बात करें तो अर्थव्यवस्था पर इसका  असर साफ दिखाई दे रहा हैं भारत ही नहीं अपितु कई देशों पर भी। अर्थशास्त्रियों का कहना हैं कि यदि इसी तरह कोरोना वायरस बना रहा तो वैश्विक स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार करना होगा। वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि– कोरोना वायरस को लेकर भारत में अर्थव्यवस्था के विकल्पों को देखा जा रहा हैं हालांकि भारत का चीन के साथ होने वाला आयात और निर्यात दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। बहुत सारे उद्योग, कच्चे माल, कल पुर्जे चीन पर निर्भर हैं ऐसे में कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ऑटोमोबाइल, मोबाइल टेक्सटाइल, खिलौने इत्यादि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं साथ ही जेनरिक दवाइयाँ भी महंगी हो जाएगी।

पढ़ें – लॉक डाउन

इसका कारण यह हैं कि भारत की 70 फीसदी एपीआई चीन पर निर्भर हैं। हालांकि पिछले दो महीनों से चीन से आयात बन्द कर दिया गया हैं ऐसे में पहले से ही अर्थव्यवस्था की मंदी से जूझ रहा है भारत तो कोराना वायरस के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था और भी प्रभावित हो सकती हैं मौजूदा हालत को देखते हुए रिकवरी कब तक होगी यह कहना मुश्किल है किन्तु कोरोना को महामारी के रूप में भी सरकार घोषित कर सकती हैं। वायरस का उपाय विज्ञान को भी अब तक नहीं मिल सका है अतः स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत के निर्माण में सहयोग करें।

लेखिका अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा में शोध छात्रा हैं|

सम्पर्क- +919415606173, reshmatripathi005@gmail.com

कमेंट बॉक्स में इस लेख पर आप राय अवश्य दें। आप हमारे महत्वपूर्ण पाठक हैं। आप की राय हमारे लिए मायने रखती है। आप शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।

लोक चेतना का राष्ट्रीय मासिक सम्पादक- किशन कालजयी

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments


sablog.in



डोनेट करें

जब समाज चौतरफा संकट से घिरा है, अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं, मीडिया चैनलों की या तो बोलती बन्द है या वे सत्ता के स्वर से अपना सुर मिला रहे हैं। केन्द्रीय परिदृश्य से जनपक्षीय और ईमानदार पत्रकारिता लगभग अनुपस्थित है; ऐसे समय में ‘सबलोग’ देश के जागरूक पाठकों के लिए वैचारिक और बौद्धिक विकल्प के तौर पर मौजूद है।
sablog.in



विज्ञापन

sablog.in