राजकुमार सिन्हा
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Nov- 2024 -26 Novemberप्रासंगिक
संविधान सम्मत गाँव गणराज्य की पुनर्स्थापना
26 नवंबर संविधान दिवस पर विशेष समाज के गठन में अगर उत्पादन की पद्वति एक बुनियादी आधार है तो यह माना जा सकता है कि खेती ने मानव सभ्यता के विकास में मनुष्य को उसे स्थिरता दी और धीरे-धीरे आपसी…
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Sep- 2022 -7 Septemberसामयिक
पेसा कानून : कितना मानेंगी सरकारी मोहकमे
संसद में अपने पारित होने के करीब 26 साल बाद मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटैल ने ‘पंचायत उपबंध (अधिसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम – 1996’ यानि ‘पेसा’ को लागू करने के लिए संबंधित विभागों की सहमति मांगी है। जैसा…
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May- 2022 -29 Mayमध्यप्रदेश
चुटका परमाणु परियोजना पर उठते सवाल और विकल्प
वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार भारत में स्थापित बिजली क्षमता 3 लाख 71 हजार 054 मेगावाट था। जिसमें नवीकरणीय (पवन/सौर) उर्जा की हिस्सेदारी 87 हजार 699 मेगावाट अर्थात कुल विधुत उत्पादन का 23.60 प्रतिशत। परन्तु 1964 से शुरू…
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Sep- 2021 -20 Septemberमध्यप्रदेश
पेसा कानून का इतिहास और वर्तमान
मध्यप्रदेश के कुल भू -भाग का 22.07 प्रतिशत (68 हजार वर्ग किलोमीटर) अनुसूचित क्षेत्र है जो संविधान के अनुच्छेद 244(1) के तहत पांचवी अनुसूचि के अन्तर्गत वर्गीकृत है। इस क्षेत्र का विस्तार मध्यप्रदेश के 89 आदिवासी विकास खंडो में…
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19 Septemberपर्यावरण
जलवायु परिवर्तन संकट के बचाव का आदिवासी दर्शन
हमारे आसपास की भूमि, मिट्टी , पानी, वायुमंडल, पृथ्वी का तापमान, सूरज से यहां तक आने वाली ऊर्जा, हवा, बादल, पहाड, जंगल, समुद्र, झील, तालाब आदि हमारे पर्यावरण के अंग हैं। हम सब उनसे किसी न किसी तरह से…
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Jul- 2021 -13 Julyमध्यप्रदेश
सेंचुरी मजदूरों के समर्थन में मेधा पाटकर का धरना
बरगी बाँध विस्थापित एवं प्रभावित संघ ने आन्दोलन का समर्थन किया सेंचुरी डेनिम इकाई के श्रमिकों के द्वारा 44 महीने से मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में एबी रोड पर ग्राम सतराटी में आन्दोलन किया जा रहा है। 29…
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Aug- 2020 -10 Augustमुद्दा
वन अधिकार कानून के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत
वन अधिकार कानून 2006 के प्रस्तावना में उल्लेख है कि “औपनिवेशिक काल के दौरान तथा स्वतन्त्र भारत में राज्य वनों को समेकित करते समय उनकी पैतृक भूमि पर वन अधिकारों और उनके निवास को पर्याप्त रूप से मान्यता नहीं…
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6 Augustमुद्दा
किसानों की मेहनत और बर्बाद होता आनाज
देश भर में इस साल 3 करोड 36 लाख हैक्टेयर में गेहूँ की बुआई हुई थी। मध्यप्रदेश में इस साल 55 लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि पर गेहूँ बोया गया था। गेहूँ उत्पादन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने सारे…
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2 Augustमुद्दा
विधुत संशोधन विधेयक, निजी कम्पनियों को छूट और जनता की लूट
मौजूदा केन्द्र सरकार विधुत अधिनियम 2003 में व्यापक संशोधन करने जा रही है, जिससे निजी क्षेत्र की कम्पनियों को सिर्फ मुनाफे से मतलब रहेगा पर उसका कोई दायित्व नहीं होगा और सारे जोखिम और नुकसान जनता पर लाद देगा।…
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Jul- 2020 -12 Julyसप्रेस फीचर्स
विनाश हो गया है, आदिवासियों के लिए विकास
आजादी के बाद से हमारे देश में जिस तौर-तरीके का विकास हुआ है उसने आदिवासी इलाकों में उसे विनाश का दर्जा दे दिया है। खनन, वनीकरण, ढाँचागत निर्माण और भांति-भांति की विकास परियोजनाओं ने आदिवासी इलाकों की मट्टी-पलीत कर दी है।…
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