सेंचुरी मजदूरों के समर्थन में मेधा पाटकर का धरना
बरगी बाँध विस्थापित एवं प्रभावित संघ ने आन्दोलन का समर्थन किया
सेंचुरी डेनिम इकाई के श्रमिकों के द्वारा 44 महीने से मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में एबी रोड पर ग्राम सतराटी में आन्दोलन किया जा रहा है। 29 जून 2021 को कारखाना प्रबंधक द्वारा श्रमिक एवं कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के संबंध में पत्र लिखकर कहा गया कि 13 जुलाई 2021 तक सभी श्रमिक एवं कर्मचारी वीआरएस ले लें। सेंचुरी डेनिम का यह निर्णय गैरकानूनी है तथा 90 प्रतिशत श्रमिकों को मंजूर नही है।
ज्ञात हो कि जनता श्रमिक संघ की याचिका के चलते औद्योगिक ट्रिब्यूनल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मिल बंद होने के बावजूद श्रमिकों को वेतन दिया जा रहा है। यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि कुमार मंगलम बिड़ला समूह ने मिल बेचने का फर्जी विक्रय पत्र बनाकर जो धोखा किया था वह ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया। श्रमिक ‘वीआरएस नहीं, रोजगार चाहिए’ संघर्ष कर रहे हैं। कम्पनी ने यह भी निर्णय किया है कि वह मंजीत सिंह को मिल बेच रही है। जबकि उन्हें मिल चलाने का कोई अनुभव नहीं है। यह जमीन हथियाने का मामला है।
सेंचुरी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज द्वारा लॉकडाउन के पहले 680 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया गया, 2019-20 में 360 करोड रुपए मुनाफा कमाया। उसके बावजूद एक हजार श्रमिकों के रोजगार को खत्म करने पर कम्पनी आमादा है। कम्पनी के फैसले के खिलाफ 9 जुलाई 2021 को सेंचुरी भवन (बिरला भवन) मुंबई पर कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया। जहां प्रबंधन के इशारे पर मेधा पाटकर और साथियों को गिरफ्तार किए कर लिया गया था।
यह दुखद है कि एटक और इंटक द्वारा बी एम एस के साथ मिलकर (जिनके सेंचुरी डेनिम मिल में 10% सदस्य भी नहीं है) द्वारा वीआरएस लेने का समझौता किया गया है। जिसे 90 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों एवं कर्मचारियों द्वारा नकार दिया गया है। कानून के मुताबिक प्रबंधन को राज्य सरकार से सहमति लेना आवश्यक है। बरगी बाँध विस्थापित एवं प्रभावित संघ मध्यप्रदेश सरकार से माँग करता है कि वह श्रमिकों के रोजगार को बचाने के लिए प्रबंधन की 1000 श्रमिकों और कर्मचारियों को बेरोजगार करने वाली श्रमिक विरोधी कार्यवाही पर रोक लगाए।