Mrityunjay
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मुद्दा
हनुमान होना क्या होना है
हनुमान वह हैं जिन्होंने राम का मन्दिर मन में बनाने का सन्देश दिया था। हनुमान वह हैं जिनसे तीनों लोक उजागर हुआ है। हनुमान वह हैं जो संकट मोचन हैं। ऐसा इसलिए कि हनुमान ज्ञान गुण के सागर हैं।…
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जूम इन
खेल बिगाड़ने का खेल
खेल बिगाड़ने के खेल पर दुनिया टिकी हुई है। जो जितना माहिर है खेल बिगाड़ने में वह उतना बड़ा उस्ताद है जमाने का। खेल बिगाड़ने के खेल में केवल खिलाड़ियों को ही मजा नहीं आता। भीड़ को भी मजा…
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जूम इन
थाली के चट्टे बट्टे
पहले थैली के चट्टे बट्टे होते थे। अब थाली के। थैली का जमाना जो लद गया। लद गया जो जमाना वह लद्दूओं का था। लद्दूओं की थाली में छेद ही छेद होते थे, जिससे पतली दाल बह जाया करती…
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जूम इन
बॉलीवुड महामारी की थाली है
बुरा वक्त है। बुरा वक्त आता है तो एक जगह नहीं टिकता। वह चपेट में लेता है। एक के बाद एक। सुशान्त का जो बुरा समय आया, फैलता गया। सुशान्त का जो बुरा समय आया तो रिया का बुरा…
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मुद्दा
असमानता की उपादेयता?
कोरोना क्या आया, भेद खुल गए। भेद जो खुले, वे भेद नहीं थे। जगजाहिर था, मगर ढंका तुपा था। जैसा चल रहा था, चल रहा था। जो चल रहा था, वही सामान्य था। व्यवस्था अपनी तरह से काम कर…
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मुद्दा
लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था
अरुण कुमार पुनर्लेखन एवं संक्षेपण : मृत्युंजय जब लोगों का काम पर जाना लगभग बन्द हो, कल-कारखाने और दफ्तर ठप्प हों और सिर्फ आवश्यक उत्पादन की इजाजत हो तो ऐसे लॉक डाउन में अर्थव्यवस्था कैसे काम करती है? भारत…
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