हरियाणा

‘मनोहर’ योजना से जगमग हरियाणा – सोनू झा

  • सोनू झा 
हरियाणा की मनोहर सरकार ने अबतक के अपने कार्यकाल में कई ऐसी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जो प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। इन योजनाओं में एक योजना थी ‘म्हारा गांव जगमग गांव योजना’। इस योजना के तहत सरकार ने प्रदेश के हर गांव को 24 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा। जिसके बेहतर परिणाम भी सामने आए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत अबतक 675 फीडरों के अधीन आने वाले 3205 गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। जो अब बढ़कर 3474 गावों तक पहुंच चुकी है। जिसमें पंचकूला, अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा रेवाड़ी और फतेहाबाद इन सात जिलों के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है।
म्हारा गांव जगमग गांव योजना 2015 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी तर्ज पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाना है। इस योजना को अपनाने वाले गांवों में सभी पुरानी और जर्जर तारों को बदलकर एरियल बंच केबल लगाई जाती है, पुराने और खराब मीटरों को निगम द्वारा बदला जाता है, साथ ही डिफॉल्टिंग बिजली बिलों का भुगतान करवाया जाता है।
मनोहर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना ने उन दूर दराज के गांवो को जगमग किया जहां आज तक बिजली नहीं थी। या फिर बिजली कट की समस्या सबसे बड़ी थी। नतीजा ये हुआ की पिछली सरकारों में बिजली के कट को लेकर लोगों की होने वाली बड़ी परेशानी खत्म हो गई। नहीं तो लोग पहले रोजाना बिजली कट की समस्या को लेकर प्रदर्शन करते दिखाई देते थे। दूसरा सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि बिजली 24 घंटे होने से किसानों की सिंचाई सुगम हुई, और छोटे छोटे उद्योंगों का भी ग्रामीण क्षेत्रों में उदय हुआ।
मनोहर सरकार ने बिजली के क्षेत्र में बेहतरीन सुधार करते हुए नए रिकॉर्ड भी स्थापित किये। बिजली के नए कनेक्शन देने में मनोहर सरकार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये। सवा चार में 13 लाख से अधिक नए बिजली कनेक्शन देकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। अब हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 64 लाख 80 हजार 585 हो चुकी है।
मनोहर सरकार ने बिजली के बेहतरी और सुदृढ़ीकरण के क्षेत्र में काम करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों को भी उत्साहित किया। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन यानी एचईआरसी ने डिस्कॉम के काम पर संतुष्टि दिखाई। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के सीएमडी शत्रुजीत सिंह कपूर ने दोनों बिजली वितरण कंपनियों का लेखा जोखा एचईआरसी के सामने 22 फरवरी 2019 को रखा।
शत्रुजीत कपूर ने दोनों कंपनियों का ब्यौरा रखते हुए जो आंकड़ा पेश किया था उसके मुताबिक, म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत 675 फीडरों के तहत आने वाले 3205 गांवों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। साथ ही ‘उदय’ यानी उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना स्कीम के तहत प्रदेश सरकार और विद्युत मंत्रालय के बीच हुए समझौते के मुताबिक, बिजली वितरण कंपनियों द्वारा सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक घाटे को कम के लिए ठोस कदम उठाए गये हैं।
आंकड़ों की अगर बात करें तो साल 2016-17 में सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक घाटा 30.02 प्रतिशत था, जो साल 2017-2018 में घटकर 20.29 प्रतिशत रह गया है। साल 2017-18 के दौरान वितरण कम्पनियों ने लक्षित वर्ष से दो वर्ष पहले ही वित्तीय बदलाव हासिल कर लिया और 412.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया है।
सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी घरेलू उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए बिजली दर को कम करना, सरकार ने इस पर बेहतर काम करते हुए  पहली बार, घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी देकर बिजली की दरों में कटौती करते हुए पिछली सरकारों की तुलना में बिजली की दरों को लगभग आधी की गई। इससे प्रदेश के करीब 41.5 लाख बिजली उपभोक्ताओं को सीधा लाभ हुआ जो कुल घरेलु उपभोक्ताओं का 90 प्रतिशत से अधिक है।
मनोहर सरकार के सामने एक और बड़ी चुनौती थी, बिजली की चोरी को रोकना इसके दिशा में भी सरकार ने कारगर और ठोस कदम उठाए। भुगतान के तरीकों को ऑनलाइन किया जिससे उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल जमा करना आसान हुआ। बिजली मीटरों को डिजिटल किया गया साथ ही मीटर को घर से बाहर किया गया। उससे भी बड़ी पहल ये की गई कि लोगों को बिजली चोरी रोकने के लिए जागरुक किया गया जो इस दिशा में सबसे कारगर साबित हुआ।
डिजिटल लेनदेन में भी सरकार ने कई ऑप्शन्स दिए जिसका परिणाम ये हुआ कि अप्रैल 2018 में जो डिजिटल लेन देन की संख्या 43.30 लाख था दिसंबर 2018 में बढ़कर 57.80 लाख हो गई। इतना ही नहीं सरकार ने डिफॉल्टर उपभोक्ताओं से बिल वसूलने का बेहतर प्लान बनाया, बिजली बिल सेटलमेंट स्कीम जिसके तहत 4246 करोड़ डिफॉल्टिंग अमाउंट सेटल हो गई।
बिजली के नए कनेक्शन देने के साथ साथ बिजली वितरण कंपनियों के लाइन लॉस भी घटे जो मनोहर सरकार की उपलब्धियों में से एक थी क्योंकि लाइन लॉस घटाने का काम आज तक किसी सरकार में नहीं हुआ था, लेकिन मनोहर सरकार ने लाइन लॉस घटाकर उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली देना सुनिश्चित किया।अगर लाइन लॉस के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2016-17 में सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक घाटा 30.03 प्रतिशत था जो साल 2017-18 में घटकर 20.29 प्रतिशत रह गया। इतना ही नहीं साल 2017-18 के दौरान बिजली वितरण कंपनियों ने अपने लक्ष्य से दो साल पहले ही वित्तीय बदलाव हासिल कर लिया और 412.34 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। और इसमें सबसे अहम भूमिका निभाई सरकार की बिजली बिल सेटलमेंट स्कीम।
अब गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है, लोगों को निर्बाध और सुचारू रूप से 24 घंटे बिजली मिले इस पर भी मनोहर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए बिजली वितरण कंपनी यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन के तकनीकि विंग के कर्मचारी डस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफर्मर की मेंटनेंस में युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं ताकि गर्मी के मौसम में किसी तरह की कोई दिक्कत उपभोक्ताओं को ना पहुंचे।
सरकार का दावा है कि प्रदेश में बिजली की कमी नहीं है, हरियाणा के पास अभी 11700 मेगावाट बिजली का प्रबंध है। लेकिन गर्मियों में इसकी डिमांड बढ़ जाती है इसको ध्यान में रखते हुए इस समय बिजली वितरण कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में युद्धस्तर जुटी हुई है।
पिछले साल यानी 2018 में अधिकतम डिमांड 10270 मेगावाट रिकॉर्ड की गई थी, ये अब तक की सबसे अधिक बिजली डिमांड का रिकॉर्ड रहा है। इस साल बिजली के उपभोक्ताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है इसलिए पहले से ही मनोहर सरकार और बिजली वितरण कंपनियां अपनी तैयारी में लगी हुई है।
बिजली उपभोक्ताओं को सुचारू रुप से बिजली उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने बिजली के प्रसारण और वितरण प्रणाली को सशक्त किय है। मनोहर सरकार के अबतक के कार्यकाल में बिजली वितरण निगमों ने 140 नए 33 केवी सब-स्टेशन का निर्माण किया है जबकि 386 मौजूदा 33 केवी सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाई गई है, ताकि बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाली विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इतना ही नहीं सभी सब डिविजन में ट्रांसफर्मर बैंक स्थापित किये गए हैं और मरम्मत के कामों के लिए निगम के पास पर्याप्त मात्रा में साधन भी उपलब्ध करवाए गए हैं।
मनोहर सरकार ने हर घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई ऐसे कदम उठाए जो किसी भी स्थिति में तुरत निपटने में सक्षम हो सके और बिजली की गति को निर्बाध और सुचारू बना सके। इसके लिए हर सब डिविजन में ट्रांसफर्मर बैंक और मोबाइल सब स्टेशन बनाए गए जो उपभोक्ताओं की अपेक्षा पर खरा उतर सके।
हर सब डिविजन में स्थापित किये गए ट्रांसफर्मर बैंक में कम से कम 5 ट्रांसफर्मर होते हैं जिन्हें जरूरत पड़ने पर इनका तुरंत इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा हरियाणा ऐसा प्रदेश है जिसके पास 2 मोबाइल सब स्टेशन भी है, जरूरत पड़ने पर इसका भी त्वरित इस्तेमाल किया जाता है। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के पास एक 66 केवी का मोबाइल सब स्टेशन गुरुग्राम में और एक 133 केवी का मोबाइल सब स्टेशन करनाल में हैं। जरूरत पड़ने पर तुरंत इन मोबाइल सब स्टेशनों का इस्तेमाल कर बिजली उपभोक्ताओं को तुरंत बिजली सप्लाई दी जाती है।
कुल मिलाकर बिजली वितरण कंपनियों के काम में जितना सुधार प्रदेश की मनोहर सरकार के कार्यकाल में हुआ है  इतना शायद ही आज तक हुआ। यही वजह है कि आज प्रदेश के सभी 64 लाख 80 हजार 585 बिजली उपभोक्ताओं को पूरी बिजली मिल रही है और बिजली वितरण कपंनियों की वित्तीय स्थिति सुधरी है।
प्रदेश में पहली बार मनोहर सरकार के कार्यकाल में बिजली कंपनियों का घाटा कम हुआ, कंपनियों पर कर्ज का बोझ कम हुआ और सबसे खास और अहम ये कि हरियाणा की जनता को बिजली मिलना सुनिश्चित हुआ।

लेखक टीवी पत्रकार हैं|

सम्पर्क- +917827978234

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