
अभय सिंह चौटाला ने मनोहर सरकार को घेरा
- राजेन्द्र सिंह जादौन
किसान आन्दोलन के समर्थन में हरियाणा विधानसभा की ऐलनाबाद सीट से इस्तीफा देने वाले इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चैटाला ने अविश्वास प्रस्ताव की तर्ज पर ही प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार को घेरा। सरकार की तमाम खामियां बताते हुए उन्होंने विपक्ष को भी नसीहत दी और कहा कि बुधवार को सदन में कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत देने वाले 32 विधायक अगर सदन से इस्तीफा दे देते तो सरकार तुरन्त गिर जाती।
अभय सिंह ने कहा कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिए विधानसभा में किसानों के मुद्दे रखने में नाकाम रहा। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन में अपने 22 मिनट के सम्बोधन में मात्र आठ मिनट किसानों के मुद्दों पर चर्चा की। उम्मीद तो यह की जा रही थी कि दिल्ली बॉर्डर पर साढ़े तीन माह से चल रहे किसान आन्दोलन पर अविश्वास प्रस्ताव के जरिए चिंता व्यक्त की जायेगी लेकिन मन्त्री और विधायक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने हल्कों की समस्या उठाते रहे। साथ ही सदन में मुख्यमन्त्री मनोहर लाल का जवाब एक मुख्यमन्त्री का जवाब न होकर एक अहंकारी का जवाब था। मुख्यमन्त्री के सम्बोधन में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान के लिए धमकाने वाली भाषा थी। उन्होंने किसान को और कमजोर करने के लिए जमीन का कॉनट्रैक्ट करने वाले के नाम ही गिरदावरी करने की बात भी कही। तीनों कृषि कानूनों में किसान का अधिकार छीन लेने की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा रोकने के लिए इन पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे का सहारा लिया गया। मुख्यमन्त्री एमएसपी का समर्थन और विरोध दोनों कर रहे थे। वे एमएसपी से हरियाणा को सबसे अधिक नुकसान होने की बात कर रहे थे। मुख्यमन्त्री प्रधानमन्त्री को सलाह दें कि किसानों से बातचीत की जाए। अगर मुख्यमन्त्री आन्दोलन से ग्यारह हजार करोड रूपए का नुकसान बता रहे है तो आन्दोलन का समाधान जल्दी निकाला जाए। तीनों कानूनों पर स्टे के बावजूद मुख्यमन्त्री कह रहे हैं कि कानून वापस नहीं लिए जायेंगे तो वे सुप्रीम कोर्ट से भी उपर जा रहे हैं।
अभय सिंह ने कहा कि अब लोग वाघा बॉर्डर के बजाय सिंघु और टिकरी बॉर्डर देखने जाते है। बॉर्डर के धरने पर पांच साल के बच्चे से लेकर 85 साल के बुजुर्ग तक बैठे हैं। सामाजिक संगठनों ने वहाँ मेडिकल सुविधा की है। इंडियन नेशनल लोकदल निशुल्क मेडिकल सुविधा के लिए पोर्टेबल अस्पताल बनायेगा। सिरसा स्थित सौ बैड के अस्पताल में मुफ्त उपचार कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायकों द्वारा व्हिप के बावजूद किसानों को समर्थन दिया जाता। लेकिन विधायक सत्ता के लालच में फंसे रहे। अब लोग दोहरे व्यवहार के लिए जलील करेंगे। उन्होंने कहा कि आन्दोलन में ढाई सौ से ज्यादा किसानों की मौत हुई है। सरकार ने विधानसभा में 68 किसानों की मौत होना बताया है। सरकार को इन दिवंगत किसानों को विधानसभा में श्रद्धांजलि देना चाहिए थी। मैं विधानसभा लौटकर शहीदों में इन किसानों के नाम दर्ज करवाउंगा। उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया न होता तो यह सरकार कई आन्दोलनों को खा जाती। अब सोशल मीडिया पर भी कानून बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था ठीक न होने के कारण उद्योग पलायन कर रहे है। अपराधों का ग्राफ उंचाई पर है। नशे का कारोबार काबू में न होने के कारण अपराध बढ रहे है। वर्ष 2020 में महिला अपराध 4859 हुए। बलात्कार 657 और सामूहिक बलात्कार 66 हुए। नारकोटिक्स ब्यूरों को पूरा स्टाफ नहीं दिया गया। महंगाई का हाल यह है कि कमजोर पडौसी देशों के मुकाबले देश में पेट्रोल-डीजल महंगे हैं।
लेखक चंडीगढ़ में वरिष्ठ पत्रकार हैं।
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