हरियाणा

बदलती नारी की तस्वीर – नीलम चौधरी 

  • नीलम चौधरी 
महिलाएं समाज की वास्तविक वास्तुकार,आर्किटेक्ट होती हैं। अपने परिवार के साथ-साथ अपने कार्यक्षेत्र में भी अपनी अभिन्न छाप छोड़ती हैं। महात्मा गांधी जी ने कहा था -महिला शारीरिक शक्ति  में  चाहे पुरुष से कमजोर  हो परन्तु वह मानसिक शक्ति में उससे कहीं अधिक श्रेष्ठ हैं। नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता में उसका कोई सानी नहीं। वह अपने आप में एक संस्था (institution) है।
हरियाणा -जिसे देश में सबसे ख़राब लिंग-अनुपात की वजह से ‘गर्ल-किलर’ कहा जाता था आज अपनी स्क्रिप्ट फिर से लिख रहा है।हरियाणा की बेटियां फिल्मों में सफलता ,अन्तराष्ट्रीय खेलों में पदक ,माउंट एवेरेस्ट की चढाई ,मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीतकर नई ऊंचाइयों को छू रही हैं । तूफान सारे तबाही नहीं लाते,कुछ रास्ते नये बना जाते हैं। अपनी हर बाधा  को पार कर आज महिलायें केवल घर और खेत ही नहीं ब्लिक विधुयत ऊर्जा के सब -स्टेशन , बस चालक , ऑटो ड्राइवर चालक  से लेकर टैंक दागने  और फाइटर जेट प्लेन्स उड़ाने  में अपने जौहर दिखा रही हैं। मानुषी छिल्लर  -मिस वर्ल्ड , फोगाट सिस्टर्स,साक्षी मालिक-कुश्ती विजेता ,कल्पना चावला-अंतरिक्ष यात्री ,संतोष यादव-माउंट एवेरेस्ट चढाई दो बार ,  साइना नेहवाल-वर्ल्ड नंबर एक रैंकिंग ने पूरे भारतवर्ष में हरियाणा का नाम रोशन किया है।आज वे हज़ारों अन्य महिलाओं के लिए उदाहरण बनी हैं।
मनुस्मृति में लिखा है यत्र ना्यरस्तुपूज्यंते रमंते तत्र देवता अर्थात जहां नारी नारियों का सम्मान होता है वहां देवताओं का निवास होता है परंतु वर्तमान में इसकी एकदम विपरीत स्थिति हो रही थी  क्योंकि पहले तकनिक नहीं थी इसलिए कन्या शिशु को जन्म लेने के बाद मार दिया जाता था किंतु अब तकनीक के  कारण कन्या भूर्ण को गर्भ में ही मार दिया जाता है| 
‘यदि हम बेटी को पढ़ा नहीं सकते तो शिक्षित बहू की उम्मीद करना भी बेमानी है जिस धरती पर मानवता का संदेश दिया गया हो वहां बेटियों की हत्या बहुत ही दुख देती है ”
-भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वे  शब्द जो 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत पर व्यक्त कर रहे थे। यह अभियान केंद्र सरकार के महत्वकांक्षी कार्यक्रमों में से एक है| कन्या भ्रूण हत्या लड़कों को प्राथमिकता देने तथा कन्या जन्म से जुड़े निम्न सामाजिक मूल्यों के कारण जानबूझ कर की गई हत्या होती है।  मैं बोझ नहीं भविष्य हूं, बेटा नहीं पर बेटी हूं।”बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ” ने जल्द ही जन-आंदोलन,का रूप ले लिया ।   पीएनडीटी कानून के अंतर्गत केंद्रीय निगरानी बोर्ड का गठन किया गया और इसकी नियमित बैठक कराई गई|  PNDT  एक्ट और  MTP  एक्ट के उल्लंघन्न में की दर्ज की गई ताबड़तोड़ FIRs  में लगातार बढ़ोतरी हमारी इस बुराई के प्रति  सख्त करवाई की  निशानदेही करता है। इसकी सफलता महिला सशक्तिकरण  का एक महत्वपूर्ण  पड़ाव है। बीजेपी के कार्यकाल  में ,मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खटटर के कुशल नेतृत्व में आज  लिंग-अनुपात 850  से 930 पर पहुँच गया है।
  महिलाओ के प्रति बढ़ते अपराध भी आधुनिक व्यवस्था के दुष्परिणाम हैं।  रेप  के 98 % मामलों में अपराधी करीबी जानपहचान वाले होते हैं  ,यह हमारे समाज के मेन्टल डिसऑर्डर और गिरती  मोरल वैल्यूज  दर्शाता है।ऐसे घटनाएं हमारे सामाजिक विश्वास को तोड़ती हैं।  सख्त सजा अपराधी और भविष्य में दुस्साहसी के लिए भी एक डेटेररेंट होती है।हरियाणा के 2018 के विधान सभा में 12  वर्ष से कम उम्र की बच्चियोँ के साथ दुष्कर्म  के मामलों में फांसी के सजा तक को सर्वसम्मति से पारित किया. इसके लिए IPC , CrPC और  Juvinle Justice Act  में बदलाव किये गये। 6  जिलों में  फरीदाबाद,गुरुग्राम ,पलवल ,सोनीपत,पानीपत  और मेवात में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये गए हैं।20 से 22,000  रुपए तक की प्राइवेट लीगल सहायता देगी है। स्वं CM ने अपील की जज अनावशयक ाडजोर्नमेंट न करें और फैसले जल्द हों।वीमेन सेक्युरिटी हमारी सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए पोलिसिंग सिस्टम में लगातार सुधर किये जा रहे हैं।  1091 हेल्पलाइन पर टैनेड ग्रेजुएट्स हैं और शिकयतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाता है। विभिन्न जिलों में दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फाॅर्स और पीसीआर की  तैनाती की  गई है। ऑपरेशन दुर्गा में 1000  से अधिक महिलाएं कर्मीं  हैं।
हरसमय 24 x 7  पोर्टल पर ऑनलाइन FIR ,जीरो FIR ,हर जिले (22) में महिला थानों  और उनका CCTN से हर थाने ( कुल 295 ) से जुड़ा होना, हर थाने में महिला पेट्रोलिंग के अलग से गाड़ियां हैं।इन सुविधाओं से शिकायत रजिस्टर्ड करवाना बेहद आसान और सुरक्षित है ,इसलिये FIRs  के संख्या भी बढ़ रही है जोकि नारी सवतंत्रता का एक अच्छा संकेत है।  हर केस में तुरंत एक्शन होता है। इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन पुलिस मीट (Inter State Cooedination Police Meet)भी होती रहती हैं। पुलिस का लगातार लिंग संवेदीकरण (gender  sensitization) किया जाता है। आज सरकार किसी को  बचाती  नहीं बल्कि पकड़ती हैं।
आल वीमेन रिज़र्व बटालियन (All Women Reserve Battalion )  का फैसला  भी अनुमोदन (approve)  हो चुका  है।  इसमें कमांडैंट से लेकर कॉन्स्टेबल तक सब महिलाएं होंगी और जल्द ही 10 कम्पनीज के लिए 1129  पद भर्ती होगी , जिनकी तैनाती महिला थानों पर होगी।  लीगल ,हेल्थ ,इकनोमिक ,सोशल, इमोशनल सुप्पोर्ट के  व्यवस्था हर जिले में हैं। 600 से 800 महिला वालंटियर्स मधुबन से ट्रेनिंग लेकर अपने अपने क्षेत्रों में पुलिस और जनता के बीच सहयोग करती हैं।यौन शोषण के अपराधी को सोशल वेलफेयर स्कीम के तहत मिलने वाले सभी लाभ रोक दिए  जायेंगे । उसके  ड्राइविंग लाइसेंस और आर्म्ड लाइसेंस भी ससपेंड रहेंगे। कन्विक्ट होने पर सभी परमानेंटली रोक दिए जाएंगे।   हमने  सोशल वैल्यू से लेकर न्याय व्यवस्था तक को मजबूत करने के कदम उठाएं हैं।
रात की शिफ्ट के दौरान महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित हों इसके लिए कारखानों व अन्य औद्योगिक संस्थाओं को कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इंडस्ट्री में जहां महिलाएं काम कर रही हैं  उस कार्यस्थल में संभावित यौन उत्पीड़न के कृत्य व घटना होने से रोकने के  एक शिकायत समिति होती है , जिसकी मुखिया महिला  और सदस्यों की आधी संख्या भी महिलाओं की होती है ।महिलाओं के लिए संस्थान में पूरी तरह सुरक्षित और सहज माहौल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना जरूरी है । संस्थान में महिला कर्मियों का यौन शोषण न हो प्रबंधन कमेटी इसके लिए नियम, नियमन व दंड की व्यवस्था करेगी।।कामकाजी महिलाओं के लिये प्रसूति अवकाश भी 26 सप्ताह किया गया है। हरियाणा महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह अच्छा प्रयास है
महिला हर मौका और अवसर deserve  करती है ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सके। कन्या समृद्धि योजना, सबला -एडोलसेंट स्कूल गर्ल्स एम्पावरमेंट ,इंटरेस्ट रीपेमेंट/सब्सिडी ऑन  लोन टू  सेल्फ हेल्प ग्रुप,छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना ,लड़कियों के लिए सिर्फ 1 रुपए में सैनिटरी नैपकिन डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम  और कई प्रकार की स्कॉलरशिप्स उन्हें आगे बढ़ने में सहायता करती हैं।
 हर घर बिजली योजना , स्वच्छता अभियान , हर घर शौचालय  , उज्वला एलपीजी गैस कनेक्शंस , ने साधारण महिलाओं के भी सपनों को उड़ान दी है।आयुष्मान जैसी हेल्थ इन्शुरन्स   स्कीम से उसे अपने परिवार पर होने वाले  दवाईंयों और  इलाज  के खर्च की अब चिंता नहीं। बी.आर.अम्बेडकर ने कहा था -‘मैं  किसी  समुदाय  की  प्रगति  महिलाओं  ने  जो  प्रगति  हांसिल  की  है  उससे  मापता  हूँ ‘ यही आधार बना हरियाणा में समाज की कमज़ोर सोच में क्रांतिकारी बदलाव लाने का।
 हर क्षेत्र में तरक़्क़ी कर रही महिलाओं में अब भी कमतर राजनितिक भागीदारी होने  की कुंठा शेष है।आधी दुनिया  आधा फ़साना।  आज भी पुरुष-समाज  राजनीति में उसे बराबरी का मौका नहीं देना चाहता , यही कारण  है कि वुमन रिजर्वेशन बिल 2008 (women Reservation Bill 2008) राज्य सभा में पास होने के बावजूद लोकसभा में वोटिंग का इंतज़ार कर  रहा है। सभी राजनितिक पार्टीज शायद किसी बड़े महिला आंदोलन के बाद ही अपना रुख बदलें ! भारत में  महिलाओं  की केवल 11 % ही राजनितिक भागेदारी है और 149 देशों में हमारा 108वां स्थान है !  यही स्थिति हमारे  प्रदेश की है। चुनावी मौसम है ,एक महिला होने के नाते मैं उम्मीद करती हूँ के सभी पार्टीयां  महिला उम्मीदवारों को बराबरी का मौका देंगी ताकि वे उच्च स्तर पर निर्णय  लेने  में अपनी भूमिका निभा कर प्रदेश और देश  की तरक्की में योगदान दे सकें।
लेखिका अधिवक्ता हैं तथा भाजपा(हरियाणा) की प्रवक्ता हैं|
सम्पर्क- +918284860022, advocateneelamchaudhary@gmail.com
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सबलोग

लोक चेतना का राष्ट्रीय मासिक सम्पादक- किशन कालजयी
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