मणीन्द्र नाथ ठाकुर
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भाषा
भाषाई जनतन्त्र का आग्रह
भारतीय भाषाओं को लेकर कई मसले हमेशा जीवन्त रहते हैं। इसके दो महत्त्वपूर्ण आयाम हैं। एक तो अँग्रेजी का ‘अलौकिक साम्राज्य’ और दूसरा भारतीय भाषाओं के बीच संवाद। औपनिवेशिक काल में जिस ‘ब्राऊन साहिब’ (वारिंद्र तरज़ी विट्टाची की पुस्तक…
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कर्पूरी ठाकुर
संरचनात्मक परिवर्तन का राजनीतिक योद्धा
भारतीय राजनीति को समझने के लिए यह सवाल पूछना ज़रूरी है कि इस समाज में राजनैतिक दलों की तुलना में व्यक्ति का महत्त्व क्यों है। कुछेक अपवादों को छोड़ दें तो भारत की मौजूदा संसदीय राजनीति में अधिकांश दल…
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भाषा
हिन्दी चिन्तन जगत में नये नवजागरण की सम्भावना
हर भाषा का अपना एक समाजशास्त्र होता है। उसका एक दार्शनिक पक्ष भी होता है। भाषा समाज के सामूहिक चेतना का वाहक होती है। समाज में होने वाले परिवर्तनों की पूर्व सूचना उस भाषा में रचे गये साहित्य से…
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पश्चिम बंगाल
बंगाल का बदलता राजनैतिक समीकरण
बंगाल चुनाव पर विश्लेषकों की नजर टिकी हुई है। उनके लिए यह आकलन करना मुश्किल है कि इस बार किसकी सरकार बनेगी। एक तरफ ममता बनर्जी की लोकप्रियता, उनकी जुझारू छवि और राज्य का सरकारी महकमा है, तो दूसरी…
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शख्सियत
सम्पूर्ण क्रान्ति के शिल्पी : लोकनायक जयप्रकाश नारायण
आजाद भारत के असली सितारे – 12 सक्रिय राजनीति से डेढ़ दशक तक दूर रहने के बाद 1974 में “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।” के नारे के साथ जब मैदान में उतरे तो सारा देश जिनके…
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आवरण कथा
हमारे समय का आक्रोश
मणीन्द्र नाथ ठाकुर हमें क्या चाहिए…? आज़ादी…| यह नारा हमारे समय के विरोध का स्वर बन गया है| इसकी गूँज देश के कोने – कोने से आ रही है| पहले तो नारा लगानेवाले केवल विश्वविद्यालय के युवा ही…
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शख्सियत
डॉ. मिथिलेश कांति : होना एक शिक्षक का
बहुत से लोग जानते हैं कि बिहार-झारखंड का एक प्रसिद्ध विद्यालय है जिसका नाम नेतरहाट है। इसे बिहार सरकार ने 1954 में स्थापित किया था। बिहार के प्रमुख व्यक्तियों जिसमें जगदीशचंद्र माथुर जैसे लोग शामिल थे, इसकी कल्पना की…
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आँखन देखी
साहित्य, समाज और राजनीति
हर साल अपनी कक्षा के नए छात्रों से पूछता हूँ कि उनमें से कितने लोग साहित्य पढ़ने में रुचि रखते हैं। मैं उन्हें साफ़-साफ़ कहता हूँ कि यदि साहित्य में उनकी रुचि नहीं है तो बेहतर होगा कि समाज…
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आँखन देखी
नक्षत्तर मलाकार उर्फ़ चलित्तर कर्मकार
सीमांचाल की राजनीति के सन्दर्भ में बहुत दिनों के बाद अचानक किसी ने बातचीत में नक्षत्तर का नाम लिया। मेरे सामने से बचपन का वह दिन चलचित्र की तरह गुज़रने लगा जब चर्चा एक ऐसे व्यक्ति से हुई जिसके…
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Democracy4you
कन्हैया की जीत भारत के आम जनता के सपने की जीत होगी
मणीन्द्र नाथ ठाकुर कन्हैया ने अपना नामांकन पत्र दाख़िल किया। विशाल जनसमूह ने नामांकन रैली में शामिल होकर अपना समर्थन दिखा दिया। बहुत दिनों के बाद किसी युवा नेता ने सीधे प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी को चुनौती दी है, वह…
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