मणीन्द्र नाथ ठाकुर
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Jan- 2024 -24 Januaryकर्पूरी ठाकुर
संरचनात्मक परिवर्तन का राजनीतिक योद्धा
भारतीय राजनीति को समझने के लिए यह सवाल पूछना ज़रूरी है कि इस समाज में राजनैतिक दलों की तुलना में व्यक्ति का महत्त्व क्यों है। कुछेक अपवादों को छोड़ दें तो भारत की मौजूदा संसदीय राजनीति में अधिकांश दल…
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Oct- 2023 -4 Octoberभाषा
हिन्दी चिन्तन जगत में नये नवजागरण की सम्भावना
हर भाषा का अपना एक समाजशास्त्र होता है। उसका एक दार्शनिक पक्ष भी होता है। भाषा समाज के सामूहिक चेतना का वाहक होती है। समाज में होने वाले परिवर्तनों की पूर्व सूचना उस भाषा में रचे गये साहित्य से…
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Feb- 2021 -11 Februaryपश्चिम बंगाल
बंगाल का बदलता राजनैतिक समीकरण
बंगाल चुनाव पर विश्लेषकों की नजर टिकी हुई है। उनके लिए यह आकलन करना मुश्किल है कि इस बार किसकी सरकार बनेगी। एक तरफ ममता बनर्जी की लोकप्रियता, उनकी जुझारू छवि और राज्य का सरकारी महकमा है, तो दूसरी…
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Jul- 2019 -10 Julyशख्सियत
डॉ. मिथिलेश कांति : होना एक शिक्षक का
बहुत से लोग जानते हैं कि बिहार-झारखंड का एक प्रसिद्ध विद्यालय है जिसका नाम नेतरहाट है। इसे बिहार सरकार ने 1954 में स्थापित किया था। बिहार के प्रमुख व्यक्तियों जिसमें जगदीशचंद्र माथुर जैसे लोग शामिल थे, इसकी कल्पना की…
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Apr- 2019 -10 Aprilजम्मू-कश्मीर
कश्मीर का बिखरता समाज
पुलवामा की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। लेकिन आज की यह अकेली घटना नहीं है। अभी-अभी न्यूज़ीलैंड में जिस तरह से मस्जिद के अन्दर जाकर निरीह और निरपराध लोगों को मारा गया, फ़्रांस में जिस…
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Mar- 2019 -7 Marchआँखन देखी
ऐसे भी जीते हैं लोग
पिछले दिनों पुणे की एक संस्था ‘लोकायत’ ने गाँधी पर एक व्याख्यान देने के लिए मुझे आमन्त्रित किया था. इस व्याख्यान के बहाने मुझे पहली बार पुणे जाने का मौक़ा मिला. इस शहर के बारे में मेरी उत्सुकता काफ़ी…
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Oct- 2018 -4 Octoberदेशकाल
जनतन्त्र और जनान्दोलन…
यदि आज आप दुनिया के मानचित्र को लेकर बैठें और उसमें विश्व के अलग-अलग हिस्सों में जनतंत्र की हालत पर सोचना शुरू करें तो आपको लगेगा कि इस मायने में दुनिया अब एक हो गयी है। सोवियत संघ के विघटन…
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Dec- 2017 -10 Decemberसाहित्य
आंखन देखी : अयाची के गाँव से
हाल में मैंने कुछ मित्रों के साथ मिथिला की यात्रा की थी। ख़ासकर हमलोग आयाची मिश्र के गाँव एक सेमिनार और उनकी प्रतिमा के अनावरण के सिलसिले में गये थे। हमने जो कुछ वहाँ देखा और समझा उसकी चर्चा…
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