पुस्तक-समीक्षा

पाठकों में जिज्ञासा और कौतूहल पैदा करती पुस्तक ‘जीव-जंतुओं का अनोखा संसार’

 

जीव-जंतु जहाँ भी हों, सदैव मनुष्य को बहुत आकर्षक लगते हैं। जीव-जंतुओं की दुनिया बड़ी विचित्र भी होती है। जीव-विज्ञानियों के लिए यह दुनिया उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन जाती है। शेर बेशक कितना भी भयानक और खूंखार क्यों न हो, जंगल में विचरण करते हुए उसे देखना बहुत सुखद महसूस होता है। जीव-जंतुओं के बारे में जानना भी उतना ही सुखद और सुकूनदायी होता है और इस सुख एवं सुकून को पुस्तक के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है योगेश कुमार गोयल ने। योगेश गोयल एक बहुविध लेखक हैं। प्रकृति, प्रकृति-जन्य तथ्यों/सत्यों एवं जीव-जंतुओं के बारे में उनका ज्ञान अप्रतिम है। उन्होंने इस पक्ष को लेकर बहुत कुछ लिखा है। इस पुस्तक में भी उन्होंने बिल्ली से लेकर शेर तक, चिडि़या से लेकर मोर तक और मछली से लेकर व्हेल तक जीव-जंतुओं की सैंकड़ों किस्मों पर अपनी ज्ञानवर्धक दृष्टि डाली है।

कुल 127 जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों पर आधारित पुस्तक ‘जीव-जंतुओं का अनोखा संसार’ अपने नाम को चरितार्थ करती है, जिसमें लेखक योगेश कुमार गोयल ने जीव-जंतुओं की अनूठी प्रजातियों के बारे में सचित्र रोचक जानकारियां प्रस्तुत की हैं। समीक्षित पुस्तक में अनेक अद्भुत, असाधारण, दुर्लभ जीव-जंतुओं के बारे में बेहद दिलचस्प जानकारियां हैं। जैसे पुस्तक में ‘मडस्किपर’ नामक ऐसी मछली की जानकारी है, जो पानी के बाहर भी रह सकती है। दुनिया के कुछ चालाक और खतरनाक जीव-जंतुओं के बारे में दी गई दिलचस्प जानकारियां तो काफी हैरान करने वाली हैं।

विचित्र आदतों वाले पक्षी ‘ग्रेबेस’, शर्मीले और डरपोक पक्षी ‘ईस्टर्न व्हिप बर्ड’, रक्त चूसने वाले पिस्सू, चीखने-चिल्लाने वाली बत्तख, टांगों से खून की पिचकारी छोड़ने वाला लेडी बर्ड जैसी जानकारियां ज्ञान बढ़ाती हैं। ‘हमें मादा मच्छर ही क्यों काटती है?’ शीर्षक के तहत लेखक ने काफी ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी है। लेखक ने कुछ वैज्ञानिक शोधों के हवाले से यह भी बताने का प्रयास किया है कि जानवरों में भी इंसानों जैसी ही भावनाएं होती हैं। ‘स्माल ब्लू किंगफिशर’ नामक पक्षी किस प्रकार अपने शिकार को पीटकर मार डालता है, यह जानकारी तो होश उड़ा देती है।

लेखक ने समय-समय पर कई महत्वपूर्ण कृतियां समाज तथा साहित्य को दी हैं और ‘जीव-जंतुओं का अनोखा संसार’ भी उनकी एक महत्वपूर्ण कृति है, जिसमें जैविक विविधता के नए खतरों तथा प्राणियों की अनेक प्रजातियों के लुप्त होने और पर्यावरण की क्षति के अनेक आयामों पर प्रकाश डाला गया था। पुस्तक की शुरूआत में लेखक लिखते हैं, ‘‘जीव-जंतुओं की अनेक प्रजातियां पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं किन्तु खाल, चमड़ा, मांस तथा विभिन्न रोगों के उपचार के लिए तरह-तरह की दवाईयां बनाने जैसे विभिन्न प्रयोजनों के लिए विश्वभर में जीव-जंतुओं की हजारों-लाखों प्रजातियों का बड़े पैमाने पर शिकार भी किया जाता रहा है। इसी कारण विश्वभर में जीव-जंतुओं की अनेक प्रजातियों का नाम अब दुर्लभ प्रजातियों की श्रेणी में शामिल हो चुका है। तेजी से विलुप्त होते वन्य एवं जलीय जीव-जंतुओं को लेकर लोगों में कुछ चिंता दिखाई भी देने लगी है किन्तु उनके संरक्षण के लिए अब सरकारी या संस्थागत प्रयासों के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता है।’’

वस्तुतः ‘जीव-जंतुओं का अनोखा संसार’ वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार योगेश कुमार गोयल द्वारा रचित एक रोचक पुस्तक है, जिसमें दुर्लभ प्रजातियों के उन जीव-जंतुओं को शामिल किया गया है, जिनके क्रियाकलाप लीक से हटकर हैं। एक ओर जहाँ इस संग्रह में ऐसी प्रजातियां भी हैं, जो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने के कगार पर हैं, वहीं दूसरी ओर उन अनूठे जीव-जंतुओं को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं। पुस्तक में अधिकांश जीव-जंतु ऐसे हैं, जिन्हें देखना तो दूर, उनके बारे में कभी सुना तक नहीं, जिसके चलते हर पाठक वर्ग में इस पुस्तक के प्रति जिज्ञासा एवं कौतूहल पैदा होता है। पुस्तक जीव-जंतुओं की विचित्र गतिविधियों की ज्ञानवर्द्धक जानकारी के अलावा इनकी विलुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण का आव्हान भी करती है।

कुल मिलाकर लोगों के लिए और खासतौर से बच्चों के लिए यह पुस्तक काफी ज्ञानवर्धक हो सकती है। योगेश कुमार गोयल ने छोटी-छोटी जानकारियां देकर पुस्तक में बड़े-बड़े जीव-जंतुओं का सचित्र परिचय दिया है। पुस्तक से यह भी पता चलता है कि सभी जीव-जंतु घातक नहीं होते और अधिकतर मनुष्य के मित्र भी होते हैं। यह भी बताया गया है कि जीव-जंतु अपने शत्रु से बचाव हेतु कभी-कभी मनुष्य से भी बेहतर तरीके से सोचते हैं और उसी प्रकार कार्य भी सम्पन्न करते हैं। उनकी लेखन शैली और अंदाज अच्छा है। भाषा बड़ी सरल और चुटीली है। वैसे भी संग्रह करने के लिए भी यह पुस्तक बेहद उपयोगी एवं मनोरंजन से भरपूर है। निश्चित रूप से बच्चों वाले परिवारों में यह पुस्तक संग्रहणीय होगी

पुस्तक: जीव-जंतुओं का अनोखा संसार
लेखक: योगेश कुमार गोयल
पृष्ठ संख्या: 104
मूल्य: 245 रुपये
प्रकाशन वर्ष: 2020
प्रकाशक: मीडिया केयर नेटवर्क, 114, गली नं. 6, गोपाल नगर, एमडी मार्ग, नजफगढ़, नई दिल्ली-110043

समीक्षक: सिमर सदोष
सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं वरिष्ठ सम्पादकीय सहयोगी, अजीत समाचार
अजीत ग्रुप ऑफ पब्लिकेशंस, जालंधर (पंजाब)
Show More

योगेश कुमार गोयल

लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तम्भकार हैं तथा 31 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। सम्पर्क +919416740584, mediacaregroup@gmail.com
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Related Articles

Back to top button
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x