अंतरराष्ट्रीयस्त्रीकाल

देशहित में परिवर्तन का अध्याय लिखेंगी महिलाएं 

 

महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वे संकटमोचक हैं। यह भी साबित हो चुका है कि सदी के नये दशक में महिलाएं परिवर्तन का नया अध्याय लिखेंगी। महिलाओं में परिवर्तन लाने की ताकत है। कुछ दशकों से यह बात साबित भी हो चुकी है कि उनके योगदान के बिना देश का विकास अधूरा ही रहेगा। परिवार, समाज और देश के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोरोनाकाल के दौरान महिलाओं ने जिस साहस, रचनात्मकता और कार्यक्षमता का परिचय दिया है, उसे देखते हुए लगता है कि सन् 2021 में महिलाओं का प्रदर्शन अधिक से अधिक मजबूत और आत्मविश्वास से भरा होगा। 

कोविड-19 के दौरान जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और न्यूजीलैंड की प्रधानमन्त्री जेसिंडा आर्डन ने प्रशंसनीय कार्य किया है। महामारी के सामने देश को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया। केरल की स्वास्थ्य मन्त्री के.के. शैलजा को भी साल 2020 के टॉप थिंकर में पहले स्थान पर रखा गया है। कोविडकाल के दौरान उनके द्वारा निभाई गयी भूमिका और किया गया कार्य प्रशंसनीय रहा। महिलाओं का यही मैनेजमेंट स्किल समाज में परिवर्तन लाने और उसी तरह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का कार्यकाल साल 2021 में पूरा हो रहा है। इसी साल सितंबर महीने में चुनाव होना है। ऐसे में जर्मनी के लोग नये चांसलर के रूप में किसे चुनेंगे, इस पर सभी का ध्यान रहेगा मजे की बात यह है कि एंजेला मर्केल साल 2006 से जर्मनी की चांसलर हैं। सन् 2020 में सशक्त भूमिका निभाने वाली महिलाओं की सूची में भारत की वित्तमन्त्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हैं। निर्मला सीतारमण ने यह दावा किया था कि इस साल वह ऐसा बजट बना रही हैं, जिस तरह का बजट पहले कभी नहीं आय। वह किस तरह की योजनाएं ले आईं, किस पर कितनी छूट दी, अब वह सब के सामने है। जब हम सशक्त महिलाओं की बात कर रहे हैं तो अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हेरिस को कैसे छोड़ सकते हैं। कमला हेरिस ने बीमारों की सेवा, घरेलू हिंसा से बचने के लिए पेड लीव की बात उठाई थी। अब उपराष्ट्रपति होने के बाद वह किस तरह के ठोस करम उठाएंगी, इस बात पर सभी की नजर रहेगी।

जब महिलाओं की शक्ति और साहस की बात हो रही है तो सेना में उनकी भूमिका और योगदान की भी बात करना जरूरी है। मार्च, 2021 तक भारतीय सेना में महिलाओं की पहली बैच शुरू होगी। उन्होंने सेना के कोर्प्स आफ मिलिट्री पुलिस में कमीशन दिया जाएगा। महिलाओं के प्रशिक्षण की अवधि पुरुषों के समान यानी 61 सप्ताह की ही होगी। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार अनेक योजनाएं और कानून ला रही है, जिसके अंतर्गत सब से अधिक चर्चा में आया कानून शादी की उम्र 21 साल करना है। पिछले साल यह मुद्दा हॉट टॉपिक रहा है।

मातृत्व मृत्युदर में कमी लाने के लिए सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में विवाह आय, सजा और दंड पर  काम  कर रही है। सरकार से अपेक्षा है कि साल 2021 में बहुत सारे कानून, नियम और योजनाएं लागू की जाएंगे। विवाह के साथ कैरियर भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। महिलाएं भी कैरियर की चाहत रखती हैं तो इस आशय से सरकार ने साल 2021 में वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के संकेत दिए हैं। वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत करने की नीति पर काम चल रहा है। अगर यह नीति लागू की गयी तो देश की वृद्धि दर में 27 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी।

महिलाओं को लक्ष्य में रख कर योजनाएं तो लागू की जा रही हैं, महिलाएं उद्योग-व्यवसाय में स्वतंत्र रूप से काम सकें, इस तरह की व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। मात्र कन्या शिक्षा पर ही नहीं , कन्याओं के उज्जवल कैरियर पर भी जोर दिया जाना चाहिए, जिससे लड़कियां कैरियर के प्रति सजग बनें। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाएं विविध क्षेत्रों में अग्रसर भूमिका निभा रही हैं। जिससे पता चलता है कि अगर महिलाओं को उचित माहौल मिले तो वे अपनी क्षमता का पूरापूरा उपयोग कर के समाज को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। आने वाले सालों में भारत सहित अन्य देश महिलाओं की सशक्त भूमिका का पूरापूरा उपयोग हो, इस तरह का काम करेंगे।

कहा जाता है कि मुश्किल समय में ही व्यक्ति अपनी क्षमता का परिचय कराता है। विपत्ति के समय में महिलाएं हमेशा आगे रहती हैं। यह भी कहा जा सकता है कि महिलाएं परिवार, समाज और देश के लिए ढ़ाल की भूमिका अदा करती हैं। यह साबित हो चुका है कि  महिलाएं जितनी बखूबी से घर चलाती हैं, उतनी ही बखूबी से समाज और देश भी चला सकती हैं। बस, अब यह देखना है कि आने वाले समय में महिलाएं परिवर्तन का कैसा और कितना अध्याय लिखेंगी।

महिला नेतृत्व वाले देशों ने दिया कोरोना को मात

भारत के साथ ही न्यूजीलैंड में भी कोरोना की एंट्री हुई और दोनों देशों ने साथ ही लॉकडाउन की घोषणा की। परन्तु आज भारत में कोरोना के मामले पौने तीन करोड़ लाख के ऊपर पहुंच गये हैं, जबकि प्रधानमन्त्री जेसिंडा आर्ड के नेतृत्व में आज न्यूजीलैंड कोरोना से लड़ाई में सफल ही नहीं, उसे देश से बाहर करने की ओर अग्रसर है। जर्मनी ने मैक्सिमम टेस्टिंग और ट्रेसिंग के साथ आक्सीजन और वेंटिलेटर बेड की सर्वाधिक उपलब्धि कर के आज चांसलर एंजेला मर्केल विश्व की सब से पावरफुल लेडी बन गयी हैं। जर्मनी में 34,25,982 केस सामने आए थे, जिनमें 83,276 लोगों की मौत के बाद अब 10 हजार केस दर्ज हुए हैं। परन्तु 2,54,89,567 लोगों को वैक्सीनेटेड कर देने के बाद वहां मृत्यु दर काफी तेजी से घटी है।

डायमंड के लिए प्रसिद्ध बेल्जियम की प्रधानमन्त्री सोफी विल्मेस ने कोरोना से दसवीं मौत होते ही लॉकडाउन लगा दिया था। 10 लाख केस और 24,322 मौत के आज वहां एक हजार केस दर्ज हो रहे हैं। छोटे पर समृद्ध देश आइसलैंड में जनवरी से एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। कैटरोन जैकोब्सदोतिर के नेतृत्व में 99 प्रतिशत रोगी ठीक हो गये हैं। नवम्बर, 2020 से कोविड रेजीलियंस रैकिंग में कोरोना के सामने विजेता के रूप में टॉप पर रहे न्यूजीलैंड का स्थान अब सिंगापुर ने ले लिया है। सिंगापुर की 64 लाख की आबादी में मरने वालों की संख्या मात्र 35 ही है। ‘सार्स’ के से बोधपाठ ले कर सिंगापुर ने शुरुआत से ही असरकारक कदम उठाया है। भूटान, मोरेशियस भी कोरोना की जंग जीत रहे हैं। 

दूसरे नम्बर पर आने वाले न्यूजीलैंड की मात्र 1.9 प्रतिशत और तीसरे नम्बर पर आने वाले आस्ट्रेलिया की 3.7 प्रतिशत जनता वेक्सीनेटेड हो चुकी है। इजराइल में आधे से ज्यादा लोगों को वैकसीन मिल गयी है। इस तरह वह चौथे नम्बर पर है। पोलैंड, अर्जेन्टीना जैसे देशों ने कोरोना से निपटने में बहुत अच्छा काम किया है। बराक ओबामा ने एक बार कहा था कि ‘दो साल के लिए दुनिया के तमाम देशों की सत्ता महिलाओं को सौंप देनी चाहिए।’ भारत में महिला मुख्यमन्त्री के शासन वाले पश्चिम बंगाल का चुनाव खत्म हो गया है। अब ममता बनर्जी चुनाव जीत गयी हैं। उन्हें कोरोना से कैसे जीत हासिल करनी है, उनके लिए चुनाव की ही तरह चुनौती है

.

Show More

वीरेन्द्र बहादुर सिंह

लेखक मनोहर कहानियाँ एवं सत्यकथा के सम्पादक रहे हैं। अब स्वतन्त्र लेखन करते हैं। सम्पर्क +918368681336, virendra4mk@gmail.com
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Related Articles

Back to top button
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x