tejas poonia
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सिनेमा
जमकर बदला लेने में कई दफ़ा फिसलती ‘डार्लिंग्स’
नेटफ्लिक्स पर आलिया भट्ट के प्रोडक्शन हाउस एटरनल सनशाइन के बैनर तले बनने वाली पहली फिल्म ‘डार्लिंग्स’ आज शुक्रवार को रिलीज कर दी गई। घरेलू हिंसा की कहानी दिखाती, बताती यह फिल्म कैसी बनी है और इसे देखना चाहिए…
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सिनेमा
बेबस, लाचार, बदनाम ‘आश्रम’ में सुकून से जाइये
{Featured in IMDb Critics Reviews} कहानियाँ दो तरह की होती हैं एक वो जो हम लोगों को सुनाते हैं और एक वो जो लोग सुनना चाहते हैं। ‘आश्रम’ वेब सीरीज का भले यह एक संवाद मात्र हो लेकिन…
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सिनेमा
अपने ही ‘अनेक’ के फेर में उलझती फिल्म
कभी किसी जमाने में अमीर खुसरो ने कहा था “गर फिरदौस बर रूह-ए-अमी अस्तो, अमी अस्तो अमी अस्त” यानी कहीं कुछ स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है यहीं है। अनुभव सिन्हा की फिल्म में भी सही जगह इस्तेमाल…
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सिनेमा
उलझनों को सुलझाती ‘ग्रुप डी सीजन 2’
‘स्टेज एप्प’ हरियाणा का अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म जो अपने क्षेत्र की कहानियां कहता है अपने ही अंदाज में, अपनी ही भाषा में। यानी हरियाणवी बोली में। बोली के लिहाज से यह लठ मार बोली भले ही कही जाती हो।…
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सिनेमा
कमाठीपुरा के बाज़ार में खड़ी ‘गंगूबाई’
{Featured in IMDb Critics Reviews} ‘कहते हैं कमाठीपुरा में कभी अमावस की रात नहीं होती।’ यह संवाद सुनते हुए निर्माता, निर्देशक ‘संजय लीला भंसाली’ की फ़िल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के लिए जोर से तालियां बजाने का दिल करता है।…
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सिनेमा
फ्लॉवर और फायर के बीच ‘पुष्पा’
{Featured in IMDb Critics Reviews} पुष्पा, पुष्पा, पुष्पा पिछले दो महीनों से यही नाम घूम रहा है सिनेमा की दुनिया में। हर कोई दीवाना कोई किसी के लिए क्यों होगा? वो भी ऐसे कैरेक्टर के लिए जो भले…
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सिनेमा
‘दाहक’ ये आग बनी रहनी चाहिए
इस देश में दलित, पिछड़ों, वंचितों को ऊपर उठाने के इरादे से बरसों पहले देश में संविधान बनाया गया। हालांकि इसके साथ-साथ लिखित संविधान में और भी कई बातें लिखित हैं। लेकिन उन्हें मानता, जानता कौन है? या कहें…
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सिनेमा
एक्शन, इमोशन, रोमांच का ओवरडोज ‘मरजाने’ में
{Featured in IMDb Critics Reviews} पंजाब के सिनेमा में उम्दा फिल्में कम ही बन पाती हैं। ज्यादातर फिल्में कॉमेडी के साथ-साथ कमाई करने के इरादे से कमर्शियल सिनेमा बनाया जाता है। हालांकि ‘मरजाने’ भी कमर्शियल सिनेमा से अछूती…
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बातचीत
दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी ‘ओभ्येश’…?
‘बिक्रम शिखर रॉय’ बंगाल में रहते हैं। अभिनेता के रूप में कई थिएटर समूहों के साथ कई साल तक काम कर चुके हैं। टीवी धारावाहिकों में भी अभिनय किया है। स्टूडेंट लाइफ में उनकी एक शॉर्ट फिल्म को ‘ऊटी…
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सिनेमा
इस ‘डि-बुक’ को देखकर डर क्यों नहीं लगता
{Featured in IMDb Critics Reviews} भूतिया फिल्मों या भुतहा जगहों पर जाने से डर लगना चाहिए कि नहीं मित्रों? भूतिया फिल्मों में भूत डराने वाले होने चाहिए कि नहीं मित्रों? ऐसे ही भूतिया जगहों पर भी जाने में…
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