मीडिया
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मीडिया
मीडिया: मिशन से प्रोफेशन तक का सफर
आज पूरे देश में आजादी के अमृत महोत्सव की चर्चा और उत्सव दोनों ही चरम पर है। इस महोत्सव के माध्यम से लोगों को देशभक्ति की भावना से जोड़ने की एक अच्छी पहल की जा रही है। इस उत्सव…
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साहित्य
कला, साहित्य और मीडिया की भूमिका – मार्कण्डेय काटजू
(1) “गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले चले भी आओ के गुलशन का कारोबार चले” आज का भारत बहुत सारी बड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, आदि में किसान और बुनकर आत्महत्या कर रहे हैं। आवश्यक…
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व्यंग्य
विभाजनकारी मानसिकता त्यागना ही विकल्प – वेद प्रकाश भारद्वाज
वेद प्रकाश भारद्वाज एक अख़बार में शीर्षक है ‘नीटः ओबीसी छात्र सर्वाधिक चयनित’। इस शीर्षक में हो सकता है कि ज़्यादातर लोगों को कुछ भी अजीब न लगे। इसी प्रकार जब हाल में सम्पन्न लोकसभा चुनाव के बाद…
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मीडिया
आज के दौर में पत्रकारिता का बदलता स्वरुप – कर्ण सिंह
कर्ण सिंह देश में पत्रकार को समाज का आईना समझा जाता है वहीं मीडिया को लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ भी माना जाता है। जैसाकि हम सब जानते है कि भारत में विविधताओं का समावेश है जिसके कारण पत्रकार…
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उत्तरप्रदेश
देवरिया में पत्रकार सम्मेलनः मीडिया में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा
मीडिया में बदलाव जरूरी है। ये होना भी चाहिए, पर इसकी आड़ में यहाँ सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। बिजनेस बन चुकी मीडिया कुछ मुट्ठीभर लोगों को लाभ जरूर पहुँचा रही है पर पत्रकरिता का काफी बड़ा नुकसान…
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देश
सत्ता से मुठभेड़ करती पत्रकारिता की जरूरत
पत्रकारिता के पौराणिक आख्यान में सर्वप्रथम नारद मुनि की चर्चा मिलती है। उस अनुसार प्रथम पत्रकार के रूप में इन्हें भारत का प्रथम संचार वाहक माना जा सकता है। प्राचीन ग्रंथों में नारद मुनि के लिए ‘पिशुन’ शब्द आया…
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चर्चा में
वर्तमान भारत-पाक तनाव और आतंक के विरुद्ध भारत के आक्रामक रवैये के परिप्रेक्ष्य में विचारणीय बिंदु
शिवदयाल तथाकथित शांतिकाल में पिछले तीस सालों में पाकिस्तान हमारे हजारों नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों (अनुमानतः अस्सी हजार से एक लाख!) की जान ले चुका है। वह निरंतरता के साथ भारत को तिल-तिल कर मारने की नीति पर अमल करता…
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