‘हाथ’ में खिल सकता है ‘कमल’
रमेश कुमार ‘रिपु’
छत्तीसगढ़ में छह माह पहले काँग्रेस फील गुड महसूस कर रही थी। उसकी वजह यह है, कि उसे सर्वे में 50-55 सीट मिल रही थी। लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं है। राज्य में लगातार भूपेश सरकार के खिलाफ ई.डी.की कार्रवाई को भाजपा ने भुनाने की पूरी कोशिश की। उसने यह प्रचारित किया कि भूपेश सरकार भ्रष्ट है। कोयला घोटाला, शराब घोटाला, आवास घोटाला, गोठान घोटाला और पीडीएस घोटाला,से भूपेश सरकार की छवि खराब हुई है। राज्य में धार्मिक दंगा और धर्म परिवर्तन की घटनाओं से भी भूपेश सरकार की छवि मलीन हुई। बावजूद इसके मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ के नारे को तामीर करने में लगे रहे। अपनी सरकार को किसानों और आदिवासियों की सरकार बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह अलग बात है कि राज्य में पिछले छह माह में एक दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं की हत्या नक्सलियों ने की। भूपेश सरकार ने पाँच साल बाद भी नक्सल नीति नहीं बनाई। नक्सली आतंक में पचास फीसदी की कमी आने का दावा भूपेश सरकार इश्तिहारों में करती आयी है। फिर सीआरपीएफ और आदिवासियों की लाशें गिनने का सियासी उपक्रम बन्द नहीं हुआ।
चुनाव से पहले भूपेश सरकार को लेकर गढ़ा गया नारा, भूपेश है तो भरोसा है,में झुर्रियाँ आ गयी हैं। भरोसे की सरकार की दीवार में भ्रष्टाचार के कई सुराग हो जाने से सब कुछ आर- पार दिखने लगा। आईएएस अफसर सौम्या चौरसिया,रानू साहू,समीर विश्वनोई,सुनील अग्रवाल,और सूर्यकांत तिवारी को जेल हो गयी। बावजूद इसके भूपेश सरकार के परीक्षा की घड़ी है। भाजपा को लगता भूपेश सरकार की काली करतूतों की वजह से चुनावी ऊँट उनके पक्ष में करवट लेगा।
भाजपा के अनुसार राज्य में सत्ता विरोधी लहर की बातें तैर रही हैं। वहीं पहले चरण के बीस विधान सभा में हुए मतदान को लेकर डाॅ रमन सिंह कह रहे हैं, भाजपा 13 से15 सीट जीत रही है। जबकि भूपेश बघेल कहते हैं,एक भी सीट भाजपा को नहीं मिल रही है। सियासी आकलन के मुताबिक दोनों पार्टियों को दस-दस सीटें मिल रही है। बस्तर की सभी 12 सीटों पर काँग्रेस का कब्जा था। लेकिन इस बार काँग्रेस की सीट घट जाएगी। कोंटा में आबकारी मन्त्री कवासी लखमा और माकपा नेता मनीष कुंजाम के बीच कांटे की टक्कर है। बस्तर संभाग में भाजपा को पाँच से छह सीट मिल सकती है। पाटन में छजका पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के चुनाव लड़ने से मुख्य मन्त्री भूपेश बघेल की सीट फंस गयी है। यहाँ का ज्यादातर साहू और सतनामी अमित जोगी के पक्ष में हैं। छजका ने राज्य में 81 उम्मीदवार उतारे हैं। मन्त्री रवीन्द्र चौबे ,मोहम्मद अकबर और रूद्रगुरू की सीट संशय में है। भाजपा ने मुख्यमन्त्री का चेहरा नहीं बताया है। लेकिन अमित शाह ने संकेत दिया है, कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो कलेक्टर रहे ओ पी चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को बड़ा बनाना है।
काँग्रेस से नारा ज होकर हमर राज पार्टी बनाने वाले काँग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम ने 12 उम्मीदवार उतारे हैं। भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागाँव, बस्तर, नारायणपुर और बीजापुर विधानसभा सीट में अपने प्रत्याशी खड़े किये हैं । लेकिन जगदलपुर, दंतेवाड़ा, चित्रकोट, अंतागढ़ और सुकमा विधानसभा को छोड़ दिया है। इन सीटों में सर्व आदिवासी समाज किस पार्टी या प्रत्याशी का समर्थन कर रही है, अरविंद नेताम ने इसका खुलासा नहीं किया है। अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज को इस चुनाव में कहाँ तक ले जाएँगे, वे खुद भी नहीं जानते। इसके पहले सन् 2013में उन्होंने पूर्व भाजपा सांसद सोहन पोटाई के साथ मिलकर जय छत्तीसगढ़ पार्टी बनायी थी। चुनाव में सभी 12 प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हो गयी थीं।
वर्तमान में अनुसूचित जाति की 39 सीटों में से 34 काँग्रेस के पास है। राज्य विधानसभा की कुल 90 सीटों में अनुसूचित जाति जनजाति की सीटें निर्णायक भूमिका में रहती हैं। जिस पार्टी की इन पर मेहरबानी हो जाती है,उसकी सरकार बन जाती है। जैसा कि 2018 के चुनाव में काँग्रेस का हुआ था। एस.टी की 29 सीट है और एससी की 10 सीटें हैं।
राज्य में किसानों ने खूब कर्ज ले रखा है। वे जानते हैं कि भाजपा की सरकार बनी तो उसका कर्जा माफ नहीं होगा। लेकिन काँग्रेस की सरकार बनी तो उसका कर्ज माफ हो जाएगा। इसलिए वह काँग्रेस की ओर झुक रहा है। काँग्रेस के घोंषणा पत्र में लिखा है कि सरकार बनने पर पहले की तरह किसानों का कर्जा माफ होगा। 31 सौ रुपये प्रति क्क्विंटल धान सरकार खरीदेगी साथ ही प्रति एकड़ 20 क्विंटल । के.जी से पी.जी तक पढ़ाई होगी मुफ्त। लघु वनोपजों पर एमएसपी के अतिरिक्त दस रुपये। तेंदूपत्ता संग्राहकों को चार हजार रुपये सालाना बोनस। जातिगत जनगणना कराएँगे। 17.50 लाख गरीब परिवार को आवास देंगे।
भाजपा ने बाल महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 12 हजार और प्रदेश की सभी वर्ग की महिलाओं को हर माह एक हजार रुपये देने की बात की है। प्रदेश के युवाओं को 50 फीसदी सब्सिडी के साथ ब्याज मुक्त ऋण देने की बात तो दूसरी ओर सत्ता में आने पर काँग्रेस ने गृहलक्ष्मी योजना के तहत साल में पन्द्रह हजार रुपये देने का वादा किया है। बीपीएल की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख पचास हजार रुपये का आश्वासन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। भूपेश बघेल कहते हैं, मोदी की गारंटी योजना फर्जी है। समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर धान खरीदी पर केन्द्र सरकार ने रोक लगा रखी है। ऐसी स्थिति में भाजपा कैसे बोनस देगी। जबकि हम किसानों को दे रहे हैं। हमारी सरकार बनने पर जो कहा है वह करेंगे।
केंद्रीय सूचना व प्रसारण युवा मामले तथा खेल मन्त्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि काँग्रेस की झूठी गारंटी का आलम यह है कि छत्तीसगढ़ से लेकर कर्नाटक और हिमाचल तक काँग्रेस की तमाम गारंटियाँ फेल हुई हैं। जिनकी खुद की कोई गारंटी नहीं,वह गारंटियों का पुलिंदा लेकर घूम रहे हैं। काँग्रेस ने सन् 2018 के घोंषणा पत्र मे वृद्धावस्था पेंशन राशि 350 से 1000 तक करने की बात की थी, पर किया नहीं। भाजपा मानती है, कि भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार और झूठे घोषणा पत्र से प्रदेश व्यापी गुस्सा है। जबकि काँग्रेस को अपने काम काज पर भरोसा है। वहीं महादेव एप कांड और ई.डी.के साइड इफेक्ट का असर चुनाव पर पड़ा तो ‘हाथ’ में ‘कमल’ खिल सकता है।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, सुपर सी.एम. और अधिकारियों ने इतना भ्रष्टाचार किया कि सी.एम.विधायक का चुनाव भी हार रहे हैं। जिस काँग्रेस को गणित सिखाने का शौक है,उससे सवाल है, कि महादेव एप में 508 करोड़ रुपये से अधिक बंटने के आरोप हैं। जाँच एजेंसियों के छापों में पैसे के ढेर पकड़े गए हैं। बताएं सी.एम को कितना मिला और दिल्ली कितना गया। भूपेश बघेल ने कहा,जेल में बन्द ड्राइवर असीम दास ने कोर्ट में कहा, उसे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। होटल की पार्किग में कार रख दिया था। मुझे नहीं पता कि किसने पैसा रखा है। ईडी से ट्रैप करवाने के लिए गाड़ी में पैसा रखवाया गया है।’’ जिस गाड़ी में पैसा मिला वह पूर्व मन्त्री के भाई की गाड़ी है।
भाजपा सांसद और पाटन से भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल जो कि मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल के भतीजे हैं,ने कहा कि छत्तीसगढ़ पर 82 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और छत्तीसगढ़ की जनता यह मान चुकी है कि अगर भूल से भी काँग्रेस को सत्ता में आने का मौका मिल गया तो काँग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ को बेचने की कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’’
बहरहाल काँग्रेस जीतती है तो राहुल गांधी के लिए संजीवनी सिद्ध होगा। यदि चुनाव परिणाम विपरीत आते हैं, तो यही कहा जाएगा, कि हिन्दी पट्टी पर अमित शाह और मोदी को मात देना मुश्किल है।