अजय तिवारी
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Dec- 2024 -12 Decemberमुद्दा
आर्थिक प्रश्न और राजनीतिक नीति
आर्थिक प्रश्नों को राजनीतिक मुद्दा नहीं मानना चाहिए हालाँकि आर्थिक स्थिति को निर्धारित करने का निर्णय वे ही करते हैं; फिर भी राजनीतिक प्रणाली का निर्धारण आखिरकार आर्थिक वातावरण ही करता है। पूँजीवादी समाज व्यवस्था में आर्थिक नीति…
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Oct- 2024 -16 Octoberसेहत
स्वास्थ्य सेवाओं में कॉर्पोरेट पूँजी
स्वास्थ्य सेवाओं में कॉर्पोरेट पूँजी के अधिकाधिक प्रवेश के कारण कौन सी मुश्किलें मरीज़ों के सामने खड़ी हो रही हैं, इस बारे में जब ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में डॉ. समीरन नन्दी का लेख पढ़ा, तब आँखें खुल गयीं, दिमाग़…
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13 Octoberसामयिक
टाटा की विदाई और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
आखिर देश के अत्यन्त प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा को मुंबई में अन्तिम विदाई दे दी गयी। किसी अखबार ने लिखा कि राष्ट्र द्वारा अनिम विदाई, किसी ने बताया राजकीय सम्मान के साथ अन्तयेष्टि, किसी ने कुछ और विशेषण…
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Aug- 2024 -9 Augustअंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी साजिश का एक और शिकार
आखिर बांग्लादेश में भी सीआईए की भूमिका सामने आने लगी। बांग्लादेश का निर्माण जनता की इच्छा और गुटनिरपेक्ष भारत की सक्रिय सहायता से 1971 में हुआ था। अमरीका और सीआईए इससे बहुत परेशान थे। लेकिन 1975 में बदनाम अमरीकी…
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Apr- 2024 -7 Aprilप्रासंगिक
तानाशाह और शब्द की शक्ति
तात्कालिक राजनीति हमेशा क्षुद्र होती है लेकिन सौ-पचास साल बाद वही इतिहास बन जाती है और गम्भीर अध्ययन का विषय मानी जाती है! जैसे तात्कालिक घटना नीरस वृत्तान्त होती है लेकिन शताब्दियों बाद उसपर जब विश्वास की परतें लग…
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Mar- 2024 -23 Marchदेश
जनतन्त्र का पर्व और जनतन्त्र का संकट
संसदीय चुनाव 2024 केवल केन्द्र की सत्ता का निर्णय नहीं करेगा बल्कि भारतीय जनतन्त्र का भविष्य भी निर्धारित करेंगे। अपनी कहूँ तो अपेक्षा है सत्ता में परिवर्तन की लेकिन आशंका है अनापेक्षित के घटित होने की। अभी पूर्वी उत्तर…
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Aug- 2022 -26 Augustचर्चा में
दिशाहीनता काँग्रेस को ले डूबेगी
वर्तमान काँग्रेस में न आदर्श की प्रेरणा बची है, न संघर्ष की क्षमता। केंद्र में सत्ता-वापसी दूर खिसकती जा रही है और राज्यों में जनाधार सिकुड़ता जा रहा है। परिणामस्वरूप संगठन पर नेतृत्व का प्रभाव घट रहा है…
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Feb- 2020 -25 Februaryचर्चा में
शाहीनबाग, जाफराबाद और गाँधी
मैं 1970 में दिल्ली आया। पचास वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि केन्द्र की सत्ताधारी सरकार के सीधे नियंत्रण में दिल्ली को हिंसा और तबाही के रास्ते पर ठेला जा रहा है। यह तटस्थ रहने का…
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Jul- 2019 -12 Julyदेशकाल
संघ की दंगाई योजना
पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में मोटर साइकिल पार्क करने के मुद्दे पर मारपीट के बाद सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। कुछ बदमाशों ने एक मंदिर में तोड़फोड़ करके माहौल बिगाड़ने का आधार भी दे दिया। भाजपा…
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Jun- 2019 -14 Juneदेश
निजी क्षेत्र के हाथ में होगी केन्द्र सरकार?
पाँच सालों में केन्द्र सरकार में भर्तियाँ नहीं हुईं। अब यह हाल है कि सचिव, उपसचिव, निदेशक के पदों पर निजी क्षेत्र से 400 बड़े अधिकारी आयात किये जा रहे हैं। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार…
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