अनीश अंकुर
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Apr- 2020 -14 Aprilसाक्षात्कार
आम्बेडकर बहुत फ्रस्ट्रेटड हो गये थे – आनन्द तेलतुंबड़े
(सुप्रसिद्ध समाज वैज्ञानिक आनन्द तेलतुंबड़े से संस्कृतिकर्मी अनीश अंकुर की बातचीत) आप ‘रूरल प्रोलेतारियत’ की शब्दावली में बात करते हैं लेकिन बहुत कम दलित इंटेलेक्चुअल इस भाषा में बात करते हैं। ये तो मार्क्सवादी शब्दावली में है। मुख्यधारा की बातचीत में…
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Jul- 2019 -13 July
उद्दाम आदिवासी आकांक्षाओं के कुचलन का नाम है ‘धुमकुड़िया’
स्थानीय रंगत लेकर भी कोई कलाकृति कैसे एक व्यापक व वैश्विक फलक पर अपना प्रभाव डाल सकती है इस बात को फिल्म ‘धुमकुड़िया’ अच्छी तरह अभिव्यक्त करती है। झारखण्ड के रहने वाले नंदलाल नायक के निर्देशन में बनी नागपुरी…
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May- 2019 -22 Mayलोकसभा चुनाव
आल्दो आई एम ए कम्युनिस्ट, बट नेवर गौट चांस टू वोट फॉर लेफ्ट – अनीश अंकुर
बेगूसराय चुनाव: एक संस्मरण(भाग -6) 26 अप्रैल को जफर और गालिब कलीम ने साहिबपुर कमाल जाने की बात की। तनवीर हसन का घर भी उसी इलाके में पड़ता है। कम्युनिस्ट पार्टी उस क्षेत्र मे थोड़ी कमजोर मानी जाती…
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19 Mayलोकसभा चुनाव
भाजपा जान की दुश्मन है, तो कम्युनिस्ट ईमान की – अनीश अंकुर
बेगूसराय यात्रा: एक संस्मरण (भाग 4) 20 अप्रैल की अर्द्धरात्रि में लौटने के बाद दो तीन दिन पटना में रहना हुआ। माध्यमिक शिक्षक संघ में ‘प्राच्यप्रभा’ के सम्पादक व कवि विजय कुमार सिंह व रंगकर्मी मृत्युंजय से मिलने…
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18 Mayलोकसभा चुनाव
बेगूसराय चुनाव – एक संस्मरण (भाग-3) – अनीश अंकुर
‘जाति’ पूछने वाले की ‘राजनीति’ पता करो नामांकन के बाद वाली सभा में घूमने के दौरान, बुजुर्ग कम्युनिस्ट नेता शिवशंकर शर्मा एक गोल घेरे में बैठे दिखे। उनके ‘जनशक्ति’ के लिखे आलेखों को पसन्द करता रहा हूँ विशेषकर…
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15 Mayलोकसभा चुनाव
बेगूसराय चुनावः एक संस्मरण ( भाग-2 ) – अनीश अंकुर
कन्हैया कुमार, रवीश कुमार, लालू प्रसाद और चार्ली चैप्लिन पटना के रास्ते में कन्हैया परिघटना की चर्चा होती रही। पटना लौटते वक्त राष्ट्रीय सहारा के एक पत्रकार किरनेश भी साथ हो गए। लोगों से कनेक्ट करने की उसकी…
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12 Mayलोकसभा चुनाव
बेगूसराय चुनाव – एक संस्मरण
भाग-एक 2 अक्टुबर, 2018 को गेादरगांवा (बेगूसराय) के एतिहासिक विप्लवी पुस्तकालय में गाँधी जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित था। राजद के नये बने राज्यसभा सांसद मनोज झा, राजद के बेगूसराय के एम.एल.सी तनवीर हसन और जवाहर…
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Apr- 2019 -18 AprilDemocracy4you
पिछड़ों की किसानी व कम्युनिस्ट धारा
पिछले अंक में पिछड़ी जाति की जमींदारी या सोशलिस्ट धारा पर बात हुई थी। इस धारा से आने वाले पिछड़ी जाति के बड़े-बड़े नेतागण किस प्रकार अंतर्कलह, विचारधारात्मक समझौते, सत्ताप्राप्ति के लिए हर किस्म के अनैतिक गठजोड़ का समर्थन…
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15 Aprilबिहार
पिछड़ी जाति की जमींदारी व सोशलिस्ट धारा
जैसा कि पहले के लेखों में ये तर्क प्रस्तुत किया गया है बिहार में जातिवाद की बढ़ोतरी तथा कांग्रेस सहित अन्य दलों में जमींदारों के प्रवेश के बीच गहरा सम्बन्ध है। लोहिया के सूत्रीकरण ने पिछड़ी जाति के धनाढ्य…
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13 AprilDemocracy4you
अंग्रेजों की धर्म व जाति संबंधी समझ से टकराने का नाम है कन्हैया
अंग्रेजों ने भारत पर राज करने के लिए दो श्रेणियों का जमकर इस्तेमाल किया। पहला धर्म, दूसरा जाति। भारतीय समाज की व्याख्या इन्हीं दोनों आधारों पर की गयी। 1857 के बाद तो भारतीय समाज में मौजूद दरारों को अंग्रेजों…
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