mrityunjoy
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राजनीति
ममता बनर्जी की चमक
अनोखे जीवट वाली ममता बनर्जी भारतीय राजनीति की जानकार हैं। राजनीतिक हवा की तासीर भाँपने के लिए उन्हें किसी पीके के आँकड़ों की जरूरत नहीं पड़ती। जनता का मिजाज भी समझती हैं और राजनीतिक चाल भी। यह भी जानती…
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जूम इन
भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा अगर किसान हारेगा
किसान अब वह नहीं है जिसके कन्धे पर हल होता था और हाथों में हँसिया। वो भी नहीं है जो बैलों के आसरे जीता था। उनकी पूजा करता था। न अब बैल हैं न हल। हँसिया की वह भूमिका नहीं, जो पहले थी। मगर किसान…
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जूम इन
अन्धे हैं, किसी की बला से
क्या कहा? कान के पर्दे फट रहे हैं? – सुनना ही क्या है? क्या कहा? आँखें कड़ुआ रही हैं? – देखना क्यों? क्या कहा? साँस लेने में दिक्कत हो रही हैं? – जी के क्या करोगे? जिनकी छाती में…
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जूम इन
और नहीं बस और नहीं
जनता गरम हवा में पकौड़े छानने लगती है, जब राजनेता घोषणाओं के जुमले से हवा गरम कर देते हैं। चुनाव जुमलों की पतंगें उड़ाने का पर्व होता है। घोषणाएँ अब वादा नहीं, बिना हार्डवेयर का कम्प्यूटर हैं। जब तक…
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जूम इन
बाजार के रहमोकरम पर है संहिता और संविधान
एक समाचार चैनल पर टीआरपी घोटाला का मामला दर्ज किया गया है। चैनल चलाना व्यवसाय है। व्यवसाय युद्ध है। युद्ध में मौत स्वाभाविक है। युद्ध का लक्ष्य ही अधिक से अधिक की हत्या करना होता है। इसके लिए वार…
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जूम इन
निडरता का नजारा
दीपिका पादुकोण बैडमिंटन की खिलाड़ी रह चुकी हैं। उछल उछल कर मारने का अभ्यास उन्हें होगा। लम्बी भी हैं। टांगें दुरुस्त और मजबूत भी। उछलना और हिट करना, एक अजब तरह का आकर्षण पैदा करता है। देखने वाले रीझ…
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जूम इन
जया जी! खूब एंटरटेन किया आपने
फिल्म वाले जो भी होते हैं, मजाकिया होते हैं। बड़े जतन से मजाकिया बनते हैं। जब बोलते हैं मजाकिया अंदाज में बोलते हैं। जहाँ भी बुलाए जाते हैं, मजाकिया होने के नाते बुलाए जाते हैं। जहाँ जाते हैं, वहाँ…
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जूम इन
बम बहादुरों की बमबारी
इतनी समझदारी की उम्मीद करना बेवकूफी है कि किसी बेवकूफ को याद रहे कि वह बेवकूफ है। एक बेवकूफ जब भूलता है कि वह बेवकूफ है तब ही वह बेवकूफ होता है। मेरा साबका ऐसे एक बेवकूफ से हुआ…
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जूम इन
तेरा क्या होगा कालिया? कालिया नहीं, आलिया कहिए जनाब
सुशांत की मौत सपने की मौत है। सपने की मौत होती है तो दर्द गहरा होता है। गहरी पीड़ा से सारा हिंदुस्तान कराह रहा है। कराहता हुआ हिंदुस्तान न्याय माँग रहा है। न्याय है जो नाच रहा है। कहना…
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जूम इन
सुशांत एक और सवाल अनेक
जनता जी नमस्कार। आपसे मुखातिब हूँ। आपको याद दिलाना है। याद दिलाना है कि आप चाबी से चलते हैं। आपके इमोशन की चाबी बनी है। बनाई है टीवी वालों ने। सभी चैनलों के पास है। आप मायूस मत होइए…
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