anupam mishra
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मुद्दा
पोखर और तालाबों की पारम्परिक व्यवस्था
राज्य समाज के कल्याण के लिए साधन का काम करता है जबकि समाज स्वयं साध्य है। दूसरे शब्दों में कहें तो सदैव साधन का अस्तित्व साध्य के लिए है न कि साध्य का अस्तित्व साधन के लिए। लेकिन आधुनिक…
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पुस्तक-समीक्षा
हरी भरी उम्मीद की गुंजाइश
हाल में प्रख्यात पर्यावरणविद सुन्दर लाल बहुगुणा जी का निधन गहराते कोरोना संकट के कई क्रूर परिणामों में से एक था। उनकी छवि एवं उनके द्वारा किये गये कार्य ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में पर्यावरण विमर्श को…
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शख्सियत
महासागर जैसे ‘अनुपम’ व्यक्ति से मिलने की आस
5 जून को हर साल की तरह पर्यावरण दिवस का शोर उठा और कुछ कुछ घंटों या यूं कहें कि दिन बीतते यह लोगों के दूसरे कामों के आगे थमता चला गया। पर्यावरण दिवस पर अनुपम मिश्र यानि अनुपम…
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शख्सियत
हमारे समय का अनुपम आदमी : अनुपम मिश्र
आजाद भारत के असली सितारे – 35 “हमारे समय का अनुपम आदमी”- प्रभाष जोशी ने अनुपम मिश्र के बारे में यही कहा था। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उनका एक व्यक्ति-चित्र…
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अनुपम स्मृति
मन्नू भाई मोटर चली ,पम पम पम
संकल्प सिंघई नवम्बर के दूसरे सप्ताह में, मैं छिन्दवाड़ा जिले की तामिया तहसील के पातालकोट इलाके का भ्रमण कर रहा था, मेरे मित्र गाड़ी चला रहे थे और कुछ पुराने नग्मे हमारे आनंद को दुगुना कर रहे थेI तभी एक…
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अनुपम स्मृति
अनुपम पथ के अनुपम राही – ब्रजरतन जोशी
ब्रजरतन जोशी जल चिन्तन के इतिहास पुरुष अनुपम मिश्र कोई बड़े दार्शनिक या अकादमिक विद्वान नहीं थे वरन् वे अपने चिन्तन मनन से साफ माथे का समाज बनाने की ओर अग्रसर एक द्रष्टा हैं। वे नहीं चाहते कि लोग…
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चर्चा में
स्मृतिशेष : जीवन का अर्थ: अर्थमय जीवन
प्रसिद्ध पर्यावरणविद अनुपम मिश्र की आज पुण्यतिथि है। अनुपम मिश्र स्वयं संस्थावादी नहीं थे, यह कहना बेहतर होगा कि वे एनजीओ संस्कृति के खिलाफ थे। लेकिन उनके व्यक्तित्व का ही यह जादू था कि उनसे प्रभावित और दीक्षित होकर कई…
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