amarnath
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शख्सियत
ज्योति बसु : एक नास्तिक की लोकनीति
आजाद भारत के असली सितारे-61 कलकत्ता विश्वविद्यालय में मैंने जब साक्षात्कार दिया था तो उन दिनों ज्योति बसु (08.07.1914 -17.01.2010) प. बंगाल के मुख्यमंत्री थे। इसके पहले मैं कभी कलकत्ता नहीं गया था। मुझे नियुक्ति की कोई उम्मीद भी…
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शख्सियत
वरवर राव : कविता से क्रान्ति
आजाद भारत के असली सितारे – 59 मुंशी प्रेमचंद ने साहित्य को राजनीति के आगे मशाल दिखाती हुई चलने वाली सचाई कहा है और लिखा है, कि हमारी कसौटी पर वही साहित्य खरा उतरेगा “जो हममें गति…
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शख्सियत
इंदिरा गाँधी : ‘अटल’ की ‘दुर्गा’
आजाद भारत के असली सितारे – 57 “मैं आज यहाँ हूँ। कल शायद यहाँ न रहूँ। मुझे चिंता नहीं मैं रहूँ या न रहूँ। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना…
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रामपुर की रामकहानी
भउजी
रामपुर की रामकहानी-3 ‘भउजी’। इस शब्द में गजब की मादकता है। कान में इस शब्द के पड़ते ही बदन में सनसनाहट दौड़ जाती है। देवर-भउजाई के रिश्ते की गर्माहट असल में गाँव में ही महसूस की जा सकती है।…
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शख्सियत
नरेन्द्र दाभोलकर: अंधविश्वास के खिलाफ शहादत
आजाद भारत के असली सितारे -44 ‘महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति’ (एम.ए.एन.एस.) के संस्थापक डॉ. नरेन्द्र अच्युत दाभोलकर (जन्म-1.11.1945) की 20 अगस्त, 2013 की सुबह पुणे में अज्ञात बंदूकधारियों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब वे सुबह…
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शख्सियत
‘सबको शिक्षा एक समान’ की जंग में समर्पित जीवन : अनिल सद्गोपाल
आजाद भारत के असली सितारे -43 18 फरवरी 2019 को दिल्ली में ‘अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच’ (ऑल इंडिया फोरम फॉर राइट टू एजूकेशन ) के बैनर के नीचे आयोजित होने वाली शिक्षा हुँकार रैली की स्मृतियाँ मेरे…
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शख्सियत
आर्य समाज के आधुनिक व्याख्याता : स्वामी अग्निवेश
आजाद भारत के असली सितारे -41 आर्यसमाज के अवदान को आज लोग भूल चुके हैं, किन्तु एक समय में हिन्दू समाज को कुरीतियों, कुप्रथाओं, अंधविश्वासों और कुसंस्कारों से मुक्त करने में आर्यसमाज की अप्रतिम भूमिका थी। आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी…
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शख्सियत
‘सेवा’ की पर्याय : इला रमेश भट्ट
आजाद भारत के असली सितारे : 40 अमरीका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने वाशिंगटन में ‘नेशनल पार्टनरशिप फॉर वीमेन एण्ड फैमिलीज’ के एक समारोह में कहा था, “दुनिया भर के बहुत से पुरुष और महिलाएं मेरे ‘हीरो’ और ‘हीरोइन’…
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शख्सियत
अरुणा आसफ अली : 1942 की रानी झाँसी
आजाद भारत के असली सितारे-37 9 अगस्त 1942 को बम्बई के गोवालिया टैंक मैदान में तिरंगा फहराकर ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आन्दोलन की बिगुल बजाने वाली और देश के युवाओं में एक नया जोश भरने वाली अरुणा आसफ अली…
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