अफसानानिगार सआदत हसन मंटो
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साहित्य
एक बेपरवाह अफसाना निगार
सआदत हसन मंटो की क़ब्र के कुत्बा (समाधि लेख) से माख़ूज़.. ‘यहाँ सआदत हसन मंटो दफ़्न हैं, उसके सीने में फ़न-ए-अफ़साना निगारी के सारे असरार-व-रमूज़ दफ़्न हैं। वो अब भी मनों मिट्टी के नीचे सोच रहा है कि वो…
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शख्सियत
अब कोई मंटो क्यों पैदा नहीं होता?
मंटो एक बड़े कथाकार हैं इसलिए उन पर जिक्र हो यह जरूरी नहीं है बल्कि जरूरी बात यह है कि समाज और सत्ता तन्त्र की बुराईयों के साथ लाभ-हानि की बिना कोई परवाह किये पूरी निडरता के साथ दो-दो…
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शख्सियत
अफसानानिगार सआदत हसन मंटो
11 मई 1912 को लुधियाना के बैरिस्टर परिवार में जन्मे सआदत हसन मंटो की आज 108वीं जयंती है। उर्दू के इस रचनाकार ने अपनी सूझ-बूझ से ऐसी रचनाएँ लिखीं जो आज के समय में समाज को आईना दिखा…
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