प्रयागराज : भाजपा के जीत की राह में कांटे भी कम नहीं
विधानसभा के लिए सबसे ज्यादा संख्या में विधायक चुनकर भेजने वाले प्रयागराज जनपद पर लोगों की निगाह टिकी है। यहाँ राजनीतिक गहमा गहमी तेज हुई है। प्रत्याशी और उनके समर्थक जनता को साधने में पसीना बहा रहे हैं। पिछली बार वर्ष 2017 में बारह में दस सीटों पर भाजपा को दमदार जीत दिलाने वाले इस जनपद में विधानसभा चुनाव का पिछला प्रदर्शन दोहराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि, भाजपा ने इस बार बड़े ही सधे अंदाज में प्रत्याशी उतारे। कई बार सर्वे कराए, कई मौजूदा विधायकों के टिकट काटे और कई समीकरणों पर तगड़ा होमवर्क करने के बाद ही मजबूत चेहरों पर ही दांव लगाया है। बावजूद इन सबके प्रयागराज जिले में भाजपा को कई मोर्चों पर अभी भी भीतर ही भीतर जूझना पड़ रहा है।
विरोधी वोटों का न बंटना
भाजपा के ज्यादातर प्रत्याशी मोदी और योगी के सहारे ही हैं। बातचीत से निकले निष्कर्ष में एक बात साफ हुई कि प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली व लोकप्रियता ही लास्ट में उनकी नैया पार कराने में मददगार साबित होगी। इन सबके बीच एक पेंच जो गहरे फंसा है, वह है विपक्ष वाले वोटों का दलों के बीच न बंट पाना। ज्यादातर सीटों पर वोटों का बिखराव न होकर केवल दो के बीच आमने सामने वोटों का तगड़ा ध्रुवीकरण दिख रहा है।
असंतुष्टों की ये पैदल सेना
कई साल से उपेक्षा के शिकार रहे बड़ी तादाद में कार्यकर्ता, समर्थक और नेता अभी भी मुंह फुलाकर बैठे हुए हैं। इसके अलावा जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, वे खुद और उनके सैकड़ों समर्थक अपने क्षेत्र से लगातार गायब हैं। पिछले पांच साल इलाके में ‘विधायकी’ करने वाले उनके खास सहयोगी ‘रूठे-बराती’ बने हुए हैं। भाजपा से टिकट लेकर इस बार विधायक बनने का सपना देखने वाले बड़े नेताओं की परिक्रमा करके टिकट हथियाने की जुगत में लगे पिछले डेढ़ दो साल से पसीना बहाने वाले दर्जनों नेताओं की काट-छांट की ‘राजनीति’ भी प्रत्याशियों की मिशन – फतेह के रास्ते में कांटे बने हुए हैं। जिले के भीतर हजारों की संख्या में मौजूद इन ‘असंतुष्ट-फौजों’ को साधना भी भाजपा के लिए टेढ़ी खीर है। जिले के कई प्रमुख चेहरों का गायब होना भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जीत के लिए झोंकी ताकत
राजनीति की नर्सरी उपाधि से नवाजे जाने वाले प्रयागराज ने पंडित जवाहरलाल नेहरु, वीपी सिंह समेत चर्चित प्रधानमन्त्री देश और राजनीति के नटवरलाल कहे जाने वाले नेता हेमवती नंदन बहुगुणा को बतौर मुख्यमन्त्री प्रदेश को दिए हैं। पांचवें चरण में यहाँ मतदान होना है। चौथे चरण मतदान का प्रचार थम जाने के बाद भाजपा समेत सभी दलों ने यहाँ ताकत झोंकना शुरू कर दिया है। 21 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय महामन्त्री विजयवर्गीय, प्रमुख नेता स्मृति ईरानी और सहयोगी दल अपनादल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने जनसभा व बैठकों के जरिए भाजपा के पक्ष में वोट मांगे। 22 फरवरी को पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह शहर में रोड शो करके टेंपो हाई कर चुके हैं। उधर, 24 फरवरी को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी भी फाफामऊ में चुनावी सभा करने आ रहे हैं।
बहरहाल, पिछले चुनाव में भाजपा ने जिले की बारह सीटों में दस पर शानदार जीत हासिल की थी। शेष दो सीटों में एक करछना में सपा और एक सीट प्रतापगढ़ में बसपा जीती थी। दिलचस्प मसला यह कि इस बार विधानसभा चुनाव की बारह सीटों वाले जनपद प्रयागराज में भाजपा के दो कैबिनेट मन्त्री सिद्धार्थनाथ सिंह और नंदगोपाल गुप्ता नंदी समेत कुल 169 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिले के 46 लाख, 27 हजार, 545 मतदाता इनके भाग्य का फैसला 27 फरवरी को करने जा रहे हैं।