उत्तरप्रदेश

हाथरस कांड के निहितार्थ : स्वार्थ और सियासत का कॉकटेल

 

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पहले दलित परिवार की लाडली के साथ दरिंदों ने हैवानियत की पराकाष्ठा पार कर पूरे समाज को शर्मशार किया, बाकी बची कोर कसर जिले के नकारा अफसरों ने पूरी कर दी। इसमें लगातार बढ़ते गुस्से और उबाल की सबसे बड़ी वजह सिर्फ और सिर्फ अफसरों का मनमाना रवैया रहा है। जिले के डीएम, एसपी से लेकर ज्यादातर सरकारी अमला एक ही रंग में सराबोर रहा। लिहाजा, अफसरों पर आंख मूंदकर भरोसा करने वाली सूबे की सरकार को भी शर्मसार होना पड़ा। सबका साथ, सबका विकास और सभी का विश्वास वाला नारा इस बार औंधेमुँह धड़ाम हो गया। पूरे देश में धरना-प्रदर्शन शुरू। जगह-जगह लोग सड़कों पर उतरने लगे। योगी आदित्यनाथ की सरकार के कार्यकाल में यह शायद सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन रहा, जिसने योगी की लोकप्रियता में बट्टा लगाने का कार्य किया है। गौरतलब है कि लोकप्रियता के मामले में मोदी के साथ योगी का नाम लोगों की जुबान पर आता रहा है। 

 फिलहाल, एसआईटी की प्रथम जांच रिपोर्ट मिलते ही शासन ने डीएम, एसपी समेत कई पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। तीन अक्टूबर को सूबे के कई बड़े अफसर मौके पर पहुंचे और घटना की बाबत जानकारी ली। इसी दिन देर शाम कांग्रेस नेता राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी वाड्रा ने हाथरस जाकर भुक्तभोगी परिवार का दुख दर्द जाना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमन्त्री ममता बनर्जी ने तीन अक्टूबर को पैदल मार्च निकालकर कड़ा विरोध जताया है। उधर, देर शाम मुख्यमन्त्री योगी आदित्य ने सूबे के बड़े अफसरों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमन्त्री ने हाथरस कांड की सीबीआई जांच पर मुहर लगा दी है।

       क्या है मामला

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक दलित परिवार की 19 वर्षीय लड़की के साथ 14 सितम्बर को गैंगरेप की घटना हुई। परिजनों का आरोप है कि उसी गाँव के चार-पाँच युवकों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। दरिंदों ने वहशीपन की पराकाष्ठा पार कर दी। गैंगरेप के बाद दरिंदों ने लड़की की जीभ काटने के अलावा रीढ़ और गर्दन की हड्डी तोडकर मरणासन्ऩ की दशा में कर दिया था। बेहोशी हालत में परिजन लड़की को लेकर थाने गए। पुलिस ने मामले को एकदम हल्के में लिया। इस लोमहर्षक कांड की जानकारी किसी उच्च अधिकारी को देना तक जरूरी नहीं समझा। एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली की गयी।UP Hathras Dalit Girl Rape Case Update: Victim Refer Delhi AIIMS Hospital From Aligarh | 15 दिन इलाज के बाद भी पीड़ित की हालत में सुधार नहीं; अलीगढ़ से एम्स दिल्ली रेफर,

परेशान परिजनों ने इलाज के लिए अलीगढ़ अस्पताल में लड़की को भर्ती कराया पर वहाँ पर्याप्त इंतजाम न होने से डॉक्टरों ने दिल्ली एम्स के लिए रेफर किया। लड़की के पिता की शिकायत है कि एम्स में लड़की को भर्ती नहीं किया गया, लिहाजा उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहाँ पन्द्रह दिन के बाद लड़की ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने जिले के कई अफसरों की मौजूदगी में लड़की के शव का अन्तिम संस्कार जबरदस्ती कर दिया। परिजनों के बार बार गिड़गिड़ाने के बावजूद उनको शव नहीं दिया गया। आरोप है कि परिजनों को उनके ही घर में बन्द कर दिया गया। मीडिया को वहाँ जाने नहीं दिया गया। रात करीब दो बजे जबरन अन्तिम संस्कार, परिजनों समेत मीडिया तक को वहाँ से भगा देने से संदेह को और ज्यादा बल मिला। सवाल उठाए जाने लगे कि ऐसी कौन सी सच्चाई को स्थानीय प्रशासन ने छिपाने की कोशिश की।   

   चूक या असलियत छिपाने की कोशिश

पाँचवें दिन बामुश्किल 19 सितम्बर को एफआईआर दर्ज की गयी। पहले छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की इतिश्री समझ ली गयी। युवती की मौत के बाद स्थानीय प्रशासन ने गैंगरेप और जीभ काटने से लेकर हड्डी टूटने की बात को झुठलाया गया, जबकि भुक्तभोगी लड़की ने मृत्यु के पहले बयान दिया था। पूरे प्रकरण में मीडिया के साथ प्रशासन का रवैया लगातार अपमानजनक और घोर आपत्तिजनक रहा। कई चैनल और प्रिंट मीडिया के रिपोर्टर-कैमरामैन के साथ धक्का मुक्की, धमकाने, फटकारने की वारदातें दोहराई जाती रहीं। शासन ने आश्चर्यजनक तरीके से पूरी तरह चुप्पी साधे रखा, जिसने खीझ बढ़ाने का कार्य किया। इस बीच कई तरह के वीडियोज जारी कर मामले को अलग-अलग दिशाओं में मोड़ने की कोशिश की गयी। विपक्षी दलों ने जबरदस्त घेराबन्दी कर हाथरस कांड को दलीय राजनीति से लेकर जातिवादी खांचे में ढालने की भरपूर कोशिश की। हाथरस कांड: योगी सरकार ने CBI जांच की सिफारिश की, पीड़ित परिवार से मिले राहुल और प्रियंका - Breaking news up cm yogi adityanath orders cbi probe in hathras gangrape case -

 ये सच है कि अफसरों की लीपापोती वाली आदत ने कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। हालांकि मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गम्भीरता से लिया। भुक्तभोगी परिवार के मुखिया से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातकर घटना पर अफसोस जाहिर किया। कड़ी और प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया। मीडिया से कहा कि हर हाल में दोषियों को कड़ा सबक सिखाया जाएगा। मामले की गम्भीरता और लोगों के बीच बढ़ते बवाल को देखकर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से घटना की बाबत विस्तार से जानकारी ली और कड़ी कार्रवाई का निर्देश भी दिया है। बहरहाल, हाथरस कांड ने जहाँ एक तरफ अफसरशाही के आदी हो चुके कतिपय अफसरों का चेहरा बेनकाब किया, वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार की लोकप्रियता का ग्राफ भी नीचे गिराने का कार्य किया है।

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शिवा शंकर पाण्डेय

लेखक सबलोग के उत्तरप्रदेश ब्यूरोचीफ और नेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट आथर एंड मीडिया के प्रदेश महामंत्री हैं। +918840338705, shivas_pandey@rediffmail.com
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