महेश परिमल

महेश परिमल

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं| सम्पर्क +919977276257, parimalmahesh@gmail.com
  • Sep- 2020 -
    13 September
    सामयिक

    शहर की बदनसीबी है वृद्धाश्रम 

      शहर हर किसी के लिए भाग्यशाली होते हैं। क्योंकि उस शहर में बचपन गुजरा होता है। पर कई शहर बदनसीब भी होते हैं। बदनसीब इस मायने में कि जिस शहर में जितने अधिक वृद्धाश्रम होंगे, वह शहर उतना ही…

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  • Jun- 2019 -
    9 June
    सामयिक

    पनिहारिन की पीड़ा

      कई संभ्रात घरों में हम सीनरी देखते हैं, जिसमें कई पनिहारिन सर पर घड़े रखकर आते हुए दिखाई देती है। यह तस्वीर बहुत ही सुंदर लगती है। क्योंकि इसमें ग्राम्य जीवन के दर्शन होते हैं, जो शहरियों के लिए…

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