नितेश कुमार सिन्हा
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Nov- 2022 -14 NovemberUncategorized
बाल मन के प्यारे : चाचा नेहरू
14 नवम्बर 1889 को प्रयागराज (इलाहाबाद) उत्तर प्रदेश में जन्मे पंडित जवाहरलाल नेहरू का बाल जीवन तीन बहनों के बीच इकलौता भाई के रूप में बहुत ही संपन्न लाड-प्यार व खुशनुमा माहौल में बीता। उस समय देश पर ब्रिटिश…
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Oct- 2021 -2 Octoberबिहार
सांस्कृतिक सौंदर्य का आख्यान: लौंडा नाच
बिहार देश के उन राज्यों में से एक है जहां पर लोक कला, नाट्य कला व विभिन्न संस्कृतियों की उपज होती रही है। राज्य का पूर्वांचल व मिथिलांचल क्षेत्र खासकर सांस्कृतिक विविधताओं के लिए ही जाना जाता है। इन…
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Jul- 2021 -15 Julyसामयिक
कोरोना टीकाकरण का संदेश देता ‘मिथिला पेंटिंग’
बिहार का लोकप्रिय ‘मिथिला पेंटिंग’ की पहचान देश व दुनिया भर के देशों में मिल चुका है जो अपने में कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व को समेटे हुए हैं। यह मुख्यत: उत्तर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र की स्थानीय…
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10 Julyबिहार
जट-जटिन नृत्य : प्राकृतिक प्रेम और लोकनाट्य शैली की विशिष्ट परम्परा
बिहार का अतीत लोक सांस्कृतिक व नाट्य शैली में समृद्ध रहा है। जिसके चर्चा पूरे देश भर के अलग-अलग राज्यों में होती है। आंचलिक प्रदेश और उत्तर बिहार के क्षेत्रों में प्राकृतिक उत्सव के रूप में मौसमी लोकगीत तथा…
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Jun- 2021 -25 Juneशख्सियत
जॉर्ज ऑरवेल जन्मस्थली और उनके पाँव की गवाह आँगन को संभालने की जरूरत
चंपारण के भूमि पर जन्मे ब्रितानी लेखक जॉर्ज ऑरवेल जो दुनिया के महानतम साहित्यकारों में से एक रहे हैं। जिनका जन्म 25 जून 1903 को बिहार के मोतिहारी में हुआ था। जहाँ उनके पिता रिचर्ड डब्ल्यू ब्लेयर ब्रिटिश हुकूमत…
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May- 2021 -10 Mayबिहार
बिहार को नयी पहचान दिलाता टेरिकोटा शिल्प
बिहार में वैशाली की ऐतिहासिक भूमि को पवित्र माना जाता है। इसे पहला लोकतंत्र की जननी होने का गौरव भी प्राप्त है। जो अपने में कई इतिहास को समेटे हुए है। यह भगवान महावीर की भूमि भी है। जिसे…
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Apr- 2021 -24 Aprilबिहार
पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत हैं: थारू समाज
बिहार उन राज्यों में से एक है। जहाँ पर आम लोगों में लोक कला व संस्कृति को समृद्ध बनाए रखने की परम्परा चली आ रही है। भारत और नेपाल के सीमावर्ती तराई भागों में पाई जाने वाली एकमात्र थारू…
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