शिव पार्वती की शादी, अगर आपने धार्मिक पुराण पढ़ा होगा तो शायद याद होगा। शादी धूमधाम से हुई थी। इतनी धूमधाम से कि हिमालय पर हलचल मच गई थी। शिव के गण भूत, प्रेत, पिसांच सभी नंग धड़ंग झूमते नाचते पहुंचे थे और हिमपति के मेहमान बने थे। खैर ये उस वक्त की बात थी। ऐसी ही शादी 12 मई को पटना के वेटनरी ग्राउंड में संपन्न हुई।
कौन कहता है कि 12 मई 2018 को शिव पार्वती की शादी नहीं हुई। पटना की वेटनरी ग्राउंड में जो शादी हुई साक्षात शिव पार्वती की शादी नहीं थी तो और क्या था! शिव आए. पार्वती भी आईँ. फिर बारात आई. शिव के गण भी देखने को मिले। कहीं खाने की लूट हो रही थी तो कहीं पीने की। क्योंकि यहां सबकुछ फ्री था। कोल्ड ड्रींक फ्री, खाना फ्री, हलचल ऐसी मची की सामान घर ले जाना भी फ्री हो गया। कोई बगल में कोल्ड्र की बोतल लिए झूम रहा था तो कोई खाने की थाली लेकर भाग रहा था।
दरअसल आरजेडी के कार्यकर्ता भली भांति जानते थे कि तेजप्रताप और ऐश्वर्या की शादी में धूम मचेगा और धड़क्का भी होगा। और यही
वजह थी कि पोस्टर के जरिए तेजप्रताप को शिव और ऐश्वर्या को पार्वती का रूप दिया गया नहीं तो फिर ऐसी लूट कहां मचा पाते बाराती क्योंकि कभी आपने सुना है कि अन्य देवता की शादी में ऐसी धूम मची हो? भले ही ग्वालाधीश श्रीकृष्ण ने कई शादियां की हो लेकिन ग्वालों ने ऐसा तांडव नहीं किया। लेकिन इस शादी में ना वो ग्वाल थे और ना ही श्रीकृष्ण, जब पहले ही तेजप्रताप को शिव घोषित कर दिया तो फिर शिव के गणों का तांडव तो देखना बनता ही था।
इस शादी में एक चीज और देखने को मिली। नामचीन हस्तियों ने भी शिरकत की, लेकिन राजनीति के महागठबंधन की जो झलक इस शादी में दिखने की उम्मीद थी, वो नहीं दिखी. हालांकि अपनी ही पार्टी के लिए कई बार बयान से बवाल खड़ा करने वाले लालू परिवार के करीबी शत्रुघ्न सिन्हा ज्यादा खुश दिखे।
हालांकि उखड़े मन से नीतिश कुमार भी नजर आए और रामविलाश पासवान भी शामिल हुए लेकिन विपक्षी एकता की हवा जिस तरह इस शादी में बहने की उम्मीद की जा रही थी वैसी दिखी नहीं। क्योंकि ना तो सोनिया गांधी पहुंची ना ही राहुल बाबा और ना ही ममता बनर्जी। चूंकि ये महागठबंधन के बड़े प्रभावी नेता हैं और सबको निमंत्रण पत्र भी भेजा गया था लेकिन ये बड़े चेहरे नहीं पहुंचे। हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि सत्ताधारी पहुंचे ना पहुंचे लेकिन ये लोग जरूर पहुंचेंगे हालांकि ऐसा हुआ नहीं।
हालांकि इस शादी को अगर राजनीति से हटकर देखें तो वाकई ये शादी शिव-पार्वती की ही थी, क्योंकि 50 घोड़ों के साथ हाथियों की शाही सवारी, आदिवासी नगाड़े की बड़ी टुकड़ी और करीब 7000 मेहमान खाने पर तो तांडव होना ही था।
सोनू झा
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