water voice
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पर्यावरण
पानी की जाति
‘जल बिन जीवन सून’, धरती, आकाश, अग्नि, वायु और जल पंचभूत निर्मित यह मानव शरीर। मिट्टी से बना शरीर अन्त में माटी में ही विलीन हो जाना है। इस पंचतत्व निर्मित वपु के भीतर विराजित अदृश्य निराकार…
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पर्यावरण
पर्यावरण और आधी आबादी
अमिता पर्यावरण मनुष्य के जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। मनुष्य प्रारम्भ से ही प्रकृति को पूजता रहा है क्योंकि मनुष्य प्रकृति पर पूरी तरह से निर्भर है। कहीं सुहागन अपनी सुहाग की लम्बी उम्र के लिए वट-सावित्री व्रत…
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