village girl

  • सामयिक

    दंडकारण्य के द्वन्द

      जंगल के बाहर रहकर उसके भीतर की बेचैनी को नहीं समझा जा सकता। जीवन के बनने-बिखड़ने की प्रक्रिया वहाँ भी उतनी ही सामान्य होती है जितना कि तथाकथित सभ्य और विकसित दुनिया में। यह लघु आलेख जंगल में रहने…

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