ram manohar lohia
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शख्सियत
आज गांधी के बाद लोहिया ही सबसे ज्यादा प्रासंगिक है
महापुरूषों की स्मृति और मूल्यांकन से ही कोई समाज ऊर्जा ग्रहण कर निखर सकता है। गांधी जी के बाद डॉक्टर राममनोहर लोहिया ही सबसे प्रखर विचारक-चिंतक रहे हैं। अपनी धरती-मिट्टी, उसकी सुगंध से जुड़े हुए है। छिटपुट लेखन-भाषण, सभा-गोष्ठियों…
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समाज
वर्ग और जाति
वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डॉ. राममनोहर लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो या वर्ग, दोनों ही सामाजिक संरचना की प्रतीकात्मक श्रेणियाँ (Symbolic categories) हैं। भले…
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मुनादी
हिन्दू बनाम हिन्दू
भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी लड़ाई, हिन्दू धर्म में उदारवाद और कट्टरता की लड़ाई पिछले पाँच हजार सालों से भी अधिक समय से चल रही है और उसका अन्त अभी भी दिखाई नहीं पड़ता। इस बात की कोई कोशिश…
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Uncategorized
डॉ. राममनोहर लोहिया के जन्मदिवस पर विशेष
डॉ. लोहिया का जीवन और चिन्तन दोनों एक प्रयोग था। यदि महात्मा गाँधी का जीवन सत्य के साथ प्रयोग था तो डॉ. लोहिया का जीवन और चिन्तन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामाजिक दर्शन और कार्यक्रमों के साथ…
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