अरुण माहेश्वरी
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Mar- 2024 -18 Marchदेश
सामाजिक चेतना की सैद्धान्तिकी
चौदह फ़रवरी के ‘टेलिग्राफ’ में प्रभात पटनायक की एक टिप्पणी है – (नवउदारवाद से नवफासीवाद: गोपनीय सम्पर्क)। प्रभात के शब्दों में कहें तो यह नवफासीवाद की वर्गीय प्रकृति का सैद्धांतीकरण है। दरअसल इसे आज की दुनिया में दक्षिणपन्थ के…
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Sep- 2023 -11 Septemberदेश
एक नई वैश्विक भूमिका के मुक़ाम पर भारत
भारत की राजनीति में अघटन (catastrophe) की कुछ बिल्कुल ताज़ा सूरतें अघटन ऐसा कोई आसन्न विध्वंस नहीं होता, जिससे हम सही रणनीति बना कर अपने को बचा सकते हैं। अघटन अपने तात्त्विक अर्थ में हमारे जीवन में पहले से…
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Dec- 2022 -7 Decemberअंतरराष्ट्रीय
प्रतिवाद को क्या शब्दों का अभाव!
एक युग हुआ। सन् 2010 के बसंत का महीना था। तब अरब देशों में ‘सदियों’ की तानाशाहियों की घुटन में बसंत की एक नई बहार आई थी। ‘अरब स्प्रिंग’। कहते हैं कि वह इस अरब जगत के लोगों के…
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Nov- 2022 -2 Novemberसाहित्य
विमर्श के लिए शब्द ज़रूरी नहीं होते हैं
अभी चंद रोज़ पहले कोलकाता में गीतांजलि श्री जी आई थी। प्रश्नोत्तर के एक उथले से सत्र के उस कार्यक्रम में घुमा-फिरा कर वे यही कहती रही कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि कोई उनके उपन्यास…
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Oct- 2022 -15 Octoberपुस्तक-समीक्षा
सत्ता के नैतिक विमर्श में गाँधी हमेशा बने रहेंगे
‘अनहद’ का गाँधी विशेषांक गाँधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गाँधी के हत्यारों के प्रभुत्व-काल में ही गाँधी के पुनरोदय के संकेत की तरह के सुखद आश्चर्य की…
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2 Octoberसामयिक
गाँधी जी एवं सत्य और अहिंसा
कल (1 अक्टूबर) के ‘टेलिग्राफ’ में हिलाल अहमद का एक लेख ‘सत्याग्रह’ की बद्धमूल धारणा के संदर्भ में ‘एक संभावनापूर्ण हथियार’ (Potent Weapon) अपने तमाम संकेतों के साथ बहुत महत्वपूर्ण लेख था। उसे पढ़ते हुए ही आज गाँधी जयंती…
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Sep- 2022 -28 Septemberराजनीति
‘राजस्थान प्रकरण’, काँग्रेस, व्यक्ति और संगठन के प्रश्न
यह काँग्रेस का जगत है। सचमुच, भारत की राजनीति के परम ऐश्वर्य का जगत। राजनेताओें के अच्छे-बुरे, सारे लक्षणों की लीला-भूमि का राजनीतिक जगत। आलाकमान की आत्म रति और क्षत्रपों की स्वतन्त्र मति-गति। सब साथ-साथ। राजनीति के दुखांत और…
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26 Septemberराजनीति
फतेहाबाद में विपक्षी एकता भी ‘भारत जोड़ो’ का एक राजनीतिक प्रतिफलन
हरियाणा के फतेहाबाद में देवीलाल जी के 109वें जन्मदिवस के ‘सम्मान दिवस समारोह’ के मंच पर विपक्ष की ताक़तों की एकता का अनूठा प्रदर्शन बताता है कि आने वाले दिनों में भारत में सांप्रदायिक फासीवाद के खिलाफ भारत की…
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20 Septemberसामयिक
फासीवाद के खिलाफ जनसंघर्ष का नायाब उदाहरण ‘भारत जोड़ो यात्रा’
आज के दमघोटू, डर और नफ़रत से भरे राजनीतिक वातावरण में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भारी भीड़ के जोश और उत्साह के जो अभूतपूर्व नज़ारे दिखाई दे रहे हैं वे सारी दुनिया के सामने फासीवाद के खिलाफ…
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5 Septemberचर्चा में
केरल की नेत्री शैलजा को मैगसेसे प्रसंग पर एक नज़र
मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के विचारों में समाजवादी समाज और समाजवादी राज्य के अंगों की जो कटी-छँटी छवियाँ थी, उन्हें रूस में नवंबर क्रांति और सोवियत संघ के विकास के साथ पहली बार एक समग्र, एकजुट छवि की पहचान…
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