pandit sandeep
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श्रद्धांजलि
रूह तराना गाएगी लता लता दोहराएगी
गीतों के झरोखे से झांकती स्वर कोकिला के सुर सदियों तक संगीत की शान बन सुरों को सिखाते रहेंगे। तन खाक हो गया तो क्या? रुह गाती रहेगी तब तक जब तक संगीत को सुनने समझने जानने वालों…
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देश
धूल से निकला संदेश, फूल नहीं अब भूल नहीं
जीत कर ही लौटेंगे गाँव किसान राजधानी मुजफ्फरनगर की महान धरती की महापंचायत के यादगार मंच से गूंजे एक साथ भोले, अल्लाह, वाहेगुरु के नारे, इस भरोसे के साथ कि एकता भाईचारे का ये नारा गूंजता था गूंज रहा है…
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