पंडित संदीप
-
Mar- 2023 -17 Marchव्यंग्य
एक गांधी की ललकार बोलने दो सरकार
दुनिया देख रही है जहांन के सबसे बड़े लोकतंत्र मंदिर में मुंह बंद, माइक बंद, आवाज बंद का खेला जारी है। विपक्ष की आवाज, आभार, अंदाज पर सरकारी चौकीदारी पहरेदारी के विरोध में नारे गूंज रहे हैं। संसद में…
Read More » -
Feb- 2022 -7 Februaryश्रद्धांजलि
रूह तराना गाएगी लता लता दोहराएगी
गीतों के झरोखे से झांकती स्वर कोकिला के सुर सदियों तक संगीत की शान बन सुरों को सिखाते रहेंगे। तन खाक हो गया तो क्या? रुह गाती रहेगी तब तक जब तक संगीत को सुनने समझने जानने वालों…
Read More » -
Nov- 2021 -23 Novemberसामयिक
लड़ेंगे हम थके नहीं, मरे हैं हम मिटे नहीं
लाशों से निकली उम्मीद,सरकार की टूटी नींद… कुम्भकरण से भी दुगना सो कर जब मोदी सरकार 12 महीने बाद जागी तब तक आशा, भरोसा,उम्मीद, जान सब माटी में मिल चुका था। जिंदगी समेट श्मशान की राह पर हर दिन…
Read More »