jai prakash

  • शख्सियतमुक्तिबोध का

    मुक्तिबोध का आख़िरी ठिकाना

        उन्नीसवीं सदी में बैरागी शासकों ने राजनांदगाँव रियासत क़ायम की थी। देश की आज़ादी के बाद भारतीय संघ में उसका विलीनीकरण हुआ और शहर के गणमान्य नागरिकों के आग्रह पर राजा दिग्विजय दास ने महाविद्यालय की स्थापना के…

    Read More »
  • यत्र-तत्रडिजिटल कविता

    डिजिटल युग में कविता

      बीसवीं शताब्दी तक आकर मानव-सभ्यता जिस मुकाम पर पहुँची, वहाँ अभिव्यक्ति के दो माध्यम पूरी तरह विकसित हो चुके थे– वाचिक माध्यम और मुद्रित माध्यम। वाचिक या उच्चरित शब्द सदियों पहले से श्रुति-परंपरा के रूप में मौजूद था। फिर…

    Read More »
Back to top button