डॉ विभा ठाकुर
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समाज
चरवाहा घुमंतू समाज का संकट
पशु आदिम अवस्था से ही मनुष्य का सहयात्री रहा, कभी आखेटक के शिकार के रूप में तो कभी पोषण करने वाला पालतू पशु बनकर। आदिम समय से मनुष्य ने पशुओं की उपयोगिता के आधार पर उसे पालतू बनाकर उनसे…
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देश
स्वाधीनता आन्दोलन की लोक जनश्रुतियाँ
लोक मानस जितना सरल होता है उतना ही अपनी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के लिए चतुर भी। लोक अपने समाज में घटने वाली घटनाओं का प्रत्यक्ष द्रष्टा बनकर जब उसकी अभिव्यक्ति अपनी बोली बानी में करता है तो उसकी संप्रेषणीयता…
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पर्यावरण
पारम्परिक खेती : खाद्य सुरक्षा का विकल्प
मानव ने दस हजार वर्ष पूर्व खेती करना आरम्भ किया। उस युग में खेती करने के लिए सबसे पहले उगाए जाने वाले अनाजों में धान की खेती की गई क्योंकि इसकी खेती दूसरे अनाजों की तुलना में ज्यादा आसान…
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एतिहासिक
लोकगीतों में दर्ज है अनाम योद्धाओं के बलिदान की कथाएं
लोकमन अपने स्मृतियों में अतीत के इतिहास को सुरक्षित रखता है और जब वह उसकी अभिव्यक्ति कथाओं और गीतों के माध्यम से करता है तो वह साक्ष्य के रूप में आने वाली अनेक पीढ़ियों तक सुरक्षित रहती हैं कारण…
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