एक फिल्मकार का हलफनामा भाग – 12
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हलफ़नामा
एक फिल्मकार का हलफनामा भाग : 15
गतांक से आगे त्रिपुरारि शरण से बात कर पूना पहुंचा। पूना फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान के गेट पर ऑटो से उतर प्रवेश किया तो संतरी ने रोका। मक़सद बताया तो फोन कर मेरा नाम पता हुलिया ले…
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हलफ़नामा
एक फिल्मकार का हलफनामा : भाग 14
गतांक से आगे पिछले वर्ष 24 दिसंबर को हुए मुहूर्त वाले सीन को फिर से फिल्माना था जो अजय नांदे के कारण बर्बाद हो गया था। यह फिल्म का सबसे अहम हिस्सा था, क्योंकि…
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हलफ़नामा
एक फिल्मकार का हलफनामा : भाग-13
गतांक से आगे… शूटिंग करते जब रात घिरने लगी तब लाइट मैन को कहा कि एक सीन मुझे इस घर के बाहर का चाहिए, जिसमें पूरा घर तो दिखे ही, साथ ही इस घर का खपरैल…
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हलफ़नामा
एक फिल्मकार का हलफनामा भाग – 12
गतांक से आगे… स्वाधीन दास के कलकत्ता जाने के बाद खत्री जी के अंतरंग और करीबी रहे मित्र युद्ध विक्रम मारूक तथा उनकी माँ की भूमिका के लिए आर्टिस्ट की जरूरत शेष रह गई थी तो…
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