उत्तरप्रदेश में कोरोना संकट: क्या है प्रोफेसर का जमाती कनेक्शन?
- शिवा शंकर पाण्डेय
कोविड-19 ने उत्तरप्रदेश में भारी संकट पैदा कर दिया है। जनजीवन बाधित है पर सरकार के सामने कोरोना वायरस से निपटना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। तबलीगी जमाती कोढ़ में खाज साबित हो रहे हैं। पिछले 15 दिनों से उत्तरप्रदेश में आशंका से काफी ज्यादा कोरोना संक्रमित की तादाद बढ़ी है। 20 अप्रैल तक काफी हद तक शान्त दिख रहे प्रयागराज में उसी दिन रात में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की करतूत का भांडा फूटा। मोहम्मद शाहिद नामक यह प्रोफेसर प्रयाग विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान का शिक्षक है। यह प्रोफेसर जनता कर्फ्यू के बावजूद प्रयागराज से दिल्ली जाकर वहाँ होने वाली तबलीगी जमात की मरकज में ना सिर्फ बाकायदा शामिल हुआ बल्कि कई अन्य जमातियों को छिपाकर रखने में प्रमुख भूमिका भी निभा रहा था। जिला प्रशासन की पूछताछ में उनसे झूठ भी बोल रहा था।
पक्का सबूत मिलने के बाद पुलिस अफसरों ने इसे गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ की तो बड़ा खुलासा हुआ। दो मस्जिदों में छिपकर रहने वाले 19 जमातियों की मदद यह पढ़ा-लिखा शिक्षक कर रहा था। 19 जमातियों में 16 विदेशी थे, इसमें 9 थाईलैंड और 7 इंडोनेशिया के रहने वाले हैं। दो मुतवल्ली समेत 30 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 24 अप्रैल को विश्वविद्यालय से प्रोफेसर शाहिद को निलम्बित कर दिया गया। 20 अप्रैल को 30 लोगों के गिरफ्तार करके जेल भेजने के बाद प्रयागराज में कोरोना संक्रमित कई केस सामने आए। यह माना जा सकता है कि एक पढ़े-लिखे प्रोफेसर की करतूत के चलते प्रयागराज की दशा बिगड़ गयी।
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आखिर क्या वजह है कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय का प्रोफेसर जैसी गरिमा वाले पद पर रहने वाला शख्स जनता कर्फ्यू के बावजूद कानून व्यवस्था को धता बताकर न सिर्फ भारी भीड़ का हिस्सा बनता है बल्कि टूरिस्ट वीजा पर आए सात थाईलैंड और नौ इंडोनेशिया के 16 विदेशी समेत 19 जमातियों को छिपाकर शहर के बीचोबीच मस्जिदों में रखे रहा। इतना ही नहीं यह प्रोफेसर गिरफ्तार होने से एक सप्ताह पहले जिला प्रशासन और पुलिस अफसरों से झूठ बोलकर उन्हें गुमराह करता रहा। खुफिया विभाग की यह भी आशंका है कि यह किसी बड़े खतरे को अंजाम देने की साजिश का तो हिस्सा नहीं? प्रोफेसर शाहिद की भूमिका पर सवाल उठना लाजमी है। इस प्रोफ़ेसर के जमातियों से सम्पर्क, खासकर विदेशियों के साथ संलिप्तता किस तरह की है?
बहरहाल प्रयागराज के कौंधिआरा थाना के 51 पुलिसकर्मियों को क्वारेंटाइन किए जाने की सूचना की पुष्टि हुई है। उधर, 25 अप्रैल को ही वाराणसी के सिगरा थाना के एक दरोगा समेत सात पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं। 26 अप्रैल को कानपुर के अस्पताल में जमातियों ने खाने के मैन्यू को लेकर जमकर उत्पात किया। काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। इसके दो दिन पहले 24 अप्रैल को अलीगढ़ में हंगामा कर रहे जमातियों को रोकने गए पुलिस पार्टी पर पथराव किया गया। इसमें एक कांस्टेबल लहूलुहान हो गया। 26 अप्रैल की सुबह तक उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1793 पहुँच गयी है इसमें 27 लोगों की मौत हो चुकी है।
लेखक सबलोग के उत्तरप्रदेश ब्यूरोचीफ और भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रदेश महासचिव हैं|
सम्पर्क – +918840338705, shivas_pandey@rediffmail.com
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