रसाल सिंह
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Apr- 2025 -11 Aprilमुद्दा
बिगड़ैल छात्र राजनीति पर अंकुश लगाने का समय
आज छात्र राजनीति का शुद्धिकरण करना अत्यंत आवश्यक है। चुनाव प्रक्रिया को धनबल और बाहुबल से मुक्त करके, लिंगदोह नियमावली को व्यावहारिक बनाकर और उसका सख्त अनुपालन सुनिश्चित करके एकबार फिर छात्र राजनीति को रचनात्मक और सकारात्मक बनाया जा…
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Feb- 2025 -5 Februaryशिक्षा
उच्च शिक्षा में सुधार की दिशा
6 जनवरी, 2025 को केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदेश कुमार की उपस्थिति में ड्राफ्ट रेगुलेशन-2025 जारी किया था। यह उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मियों की नियुक्ति…
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Jan- 2024 -23 Januaryधर्म
रामराज्य का स्वप्न साकार करते मोदी!
22 जनवरी, 2024 को होने जा रहे राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को भारतीय इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और अद्वितीय घटना के रूप में देखा जाएगा। आगामी समारोह भारतीय जनमानस के वर्षों पुराने उद्घोष- “राम लला हम आएंगे,…
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Nov- 2023 -19 Novemberमुद्दा
चुनावी बॉन्डों में पारदर्शिता का सवाल
लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली में वित्तीय लेन-देन की पारदर्शिता एक अपरिहार्य आवश्यकता है। सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र भारत में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 2017 में तथकथित साफ-सुथरे वित्तपोषण की शुरुआत की गयी। लेकिन प्रारम्भ से ही इस व्यवस्था ने…
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Sep- 2023 -25 Septemberशिक्षा
उच्च शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की पहल
अपने दूसरे कार्यकाल के प्रारम्भ से ही मोदी सरकार शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत परिवर्तनों के लिए प्रयत्नशील है। हालांकि, इन परिवर्तनों की पृष्ठभूमि पहले कार्यकाल में ही तैयार होने लगी थी। व्यापक विचार-विमर्श और जनभागीदारी से निर्मित राष्ट्रीय शिक्षा…
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12 Septemberजन गण मन
अनुसंधान की दिशा में बढ़ा कदम!
प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि “हम भारतीयों के प्रति बहुत आभारी हैं, जिन्होंने हमें अंकन की कला प्रदान की; इस आधार के बिना, हमारे कई सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक रहस्योद्घाटन अबूझ पहेली बने रहते।” भारतीय…
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5 Septemberशिक्षा
गुरू गोविंद दोनों खड़े…!
“गुरू गोविंद दोनों खड़े काके लागूँ पाँय। बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो बताय।।” भक्तकवि कबीरदास के उपरोक्त दोहे में गुरू की महिमा और महत्व का वर्णन है। गुरू को ईश्वर से भी प्राथमिक माना गया है, क्योंकि ईश्वर और…
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Jun- 2023 -27 Juneमुद्दा
आपातकाल पर पुनर्विचार: राज्यसत्ता का दमन बनाम जनता का प्रतिरोध
जब हम भारत के स्वातन्त्र्योत्तर इतिहास का अवलोकन करते हैं तो उसमें सर्वसत्तावादी शासन का एक काला अध्याय भी हमारा ध्यान आकर्षित करता है और इसप्रकार के भावी खतरों के प्रति सचेत करता है। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा…
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6 Juneशख्सियत
हिंदवी स्वराज्य : सांस्कृतिक पुनरुत्थान और सुशासन की विरासत
शिवाजी महाराज एक ऐसे साहसी और संकल्पित योद्धा थे, जिन्होंने 17वीं शताब्दी में हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक के रूप में ऐतिहासिक कार्य किया। 6 जून, 1674 को, अपूर्व भव्यता के साथ, वह छत्रपति, “सर्वोच्च संप्रभु” के रूप में सिंहासन पर…
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May- 2023 -18 Mayचर्चा में
समरथ को नहिं दोस गोसाईं!
राज्याभिषेक से उठते सवाल! अंग्रेज वर्षों से भारत को येन-केन प्रकारेण उपहास का पात्र बनाते रहते हैं। वे अक्सर हिंदू धार्मिक प्रथाओं-परम्पराओं, सामाजिक रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को लक्षित करते हुए टीका-टिप्पणी करते रहते हैं। वे उदारवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के…
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