कुम्भ नगरी में पत्रकारों का महाकुम्भ, पत्रकारीय गरिमा बचाने का संकल्प
- शिवा शंकर पाण्डेय
प्रयागराज की कुम्भ नगरी जवाबदेही, जिम्मेदारीपरक, पत्रकारिता और पत्रकारों के संकल्प की गवाह बनी। गंगा यमुना सरस्वती के मिलन स्थल तीर्थराज प्रयाग की रेती कुंभ मेला क्षेत्र पर विभिन्न प्रांतों से आए सैकड़ों पत्रकारों ने पत्रकारिता की गरिमा और भरोसे को कायम रखने का संकल्प दोहराया। कहा गया कि बदलते परिवेश में पत्रकारिता के सामने भरोसे का संकट बढा है। धंधेबाजी में तब्दील हो रही मीडिया को कतिपय लोग रखैल बनाने में लगे हैं। उनकी कोशिश नाकाम होगी। राष्ट्रहित के प्रति जवाब देह और जिम्मेदार बनकर लोगों में भरोसा बरकरार रखेगें।
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के बीसवें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 2 फरवरी को कुंभ मेला क्षेत्र के देवराहा बाबा सेवा आश्रम शिविर में किया गया। सम्मेलन में यूपी के 35 जिलों के अलावा बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली आदि प्रांतों से बड़ी संख्या में पत्रकार आए। दीप प्रज्वलन सरस्वती वंदना अतिथियों के माल्यार्पण के बाद सम्मेलन में भारत माता की जयकारे लगाए गए। महासंघ के मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पुरुषोत्तम मिश्रा ने विषय संदर्भ को रखा। पत्रकारों के प्रति सरकारी भेदभाव, उपेक्षा, उत्पीड़न समेत अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया। कहा, मान्यता और सुविधाएं उन पत्रकारों को सरकार दे रही है जो संस्थान से भारी भरकम वेतन और सुविधाए पाते हैं। जबकि टोल टैक्स, ट्रेन, बस यात्रा की सुविधा और ग्रामीण और कस्बाई पत्रकारों को प्राथमिकता से दी जानी जरूरी है। जो बगैर किसी वेतन-मानदेय के सभी बीटों पर काफी कठिनाई से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। कस्बाई पत्रकार हो या ग्रामीण पत्रकार वे अखबार वितरण विज्ञापन और खबरों के संकलन का कार्य करते हैं। इसके बावजूद उन्हें दोयम दर्जे की दशा में रखा जाता है। खुद संस्थान ही उनको परिचय पत्र तक देने में हिचकते हैं। तमाम तरह से जूझते संकटों से इन पत्रकारों को बचाने की जरूरत है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनेश्वर मिश्रा ने पत्रकारिता में बढ़ते संकट का विस्तार से जिक्र किया। कहा कि निर्भय होकर बगैर किसी भेदभाव के निष्पक्ष तरीके से कार्य करें। संगठन उनकी लड़ाई लड़ रहा है। जल्द ही कई महत्वपूर्ण परिणाम सामने आने वाले हैं। मुख्य वक्ता आईपीएस बीपी श्रीवास्तव डीआईजी जीआरपी प्रयागराज ने पत्रकारिता की विसंगतियों की चर्चा की। कहा कि पत्रकारिता के महत्वपूर्ण आयाम तय करना इनके कंधे पर है, लेकिन इन कदमों को मजबूत भी करना होगा। सरकारी सहायता सुविधा इन पत्रकारों को प्राथमिक स्तर पर दी जानी चाहिए। आईपीएस मनोज कुमार झा एसपी जीआरपी प्रयागराज ने अपने संबोधन में पत्रकारिता में भरोसे के संकट का मुद्दा उठाया। डॉ रामेश्वर प्रपन्नाचार्य ने नारद को पहला पत्रकार बताया कहा कि सूचनाओं के आदान-प्रदान में समाज हित और राष्ट्रहित पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।सम्मेलन में संगठन के मुखपत्र सहित्यांजलि प्रभा समेत अन्य कई रचनाकारों की पुस्तकों का विमोचन किया गया। सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रभारी जगदंबा प्रसाद शुक्ला, राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर भगवान प्रसाद राष्ट्रीय मुख्य महासचिव राष्ट्रीय मुख्य महासचिव सुधीर सिंह राठौर, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखदेव द्विवेदी मधुबनी से आए प्रोफेसर जगदीश यादव, राष्ट्रीय संरक्षक नागेश सिंह बाल कृष्ण पांडेय, पन्ना से आए जिलाध्यक्ष दीप कुमार त्रिपाठी, प्रयागराज मंडल अध्यक्ष आलोक त्रिपाठी, प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रभाशंकर ओझा समेत अन्य कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर कई साहित्यकारों को नामित पुरस्कार व पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया कई कवियों ने अपने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को ओत प्रोत कर दिया।
लेखक सबलोग के यूपी ब्यूरोचीफ और भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रदेश महासचिव हैं|
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