प्रेस रिलीज़

‘ग्लोबल विलेज’ की अवधारणा ने हमें ‘वर्चुअल वर्ल्ड’ में पहुंचाया

 

आईआईएमसी के छात्र सूरज तिवारी की पुस्तक ‘विश्वविद्यालय जंक्शन’ का विमोचन

हिंदी के प्रख्यात कवि एवं ललित निबंधकार श्री अष्टभुजा शुक्ल ने कहा है  कि आज कागज पर लिखने की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं। हम आभासी समय में जी रहे हैं। ‘ग्लोबल विलेज’ की अवधारणा ने हमें ‘वर्चुअल वर्ल्ड’ में पहुंचा दिया है। श्री शुक्ल मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान के छात्र श्री सूरज तिवारी की पुस्तक ‘विश्वविद्यालय जंक्शन’ के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। पुस्तक का प्रकाशन यश पब्लिकेशंस ने किया है। इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, हिंदी पत्रकारिता विभाग के पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. आनंद प्रधान, डॉ. राकेश उपाध्याय, यश पब्लिकेशंस के निदेशक श्री जतिन भारद्धाज एवं पुस्तक के लेखक श्री सूरज तिवारी भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए श्री अष्टभुजा शुक्ल ने कहा कि एक वक्त था जब साहित्य का केंद्र दिल्ली हुआ करता था। दिल्ली पर गालिब ने भी अपनी कविता लिखी। लेकिन अब दिल्ली में साहित्य का जो केंद्रीकरण हो रहा था, उसका अब विकेंद्रीरण हो रहा है। छोटे शहरों, नगरों और कस्बों के लोग न सिर्फ अच्छी किताबें लिख रहे हैं, बल्कि सफल भी हो रहे हैं।

श्री शुक्ल ने कहा कि कच्ची उमर में पक्का लिख लेने वाला अच्छा लेखक नहीं होता। युवाओं के लिए लिखने से ज्यादा पढ़ना महत्वपूर्ण है। छपी हुई किताब को स्पर्श करना शब्दों की जीवित सत्ता से आपका परिचय कराता है। उन्होंने कहा कि हड़बड़ी के समय में गड़बड़ी की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए लेखक को चाहिए कि वह जो लिख रहा है, उसका मूल्यांकन करे।

इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि लेखक के लिए अपने अनुभव का दायरा बढ़ाना बहुत जरूरी होता है। अच्छी कहानियां शहरों से नहीं, बल्कि गांवों से आती हैं। लोक का अनुभव लेखक को समृद्ध बनाता है। उन्होंने कहा कि अगर लेखक का समाज से रिश्ता नहीं होगा, तो वह पत्रकारिता और साहित्य सृजन किसके लिए करेगा। लेखन का मूल तत्व ही समाज है।

कार्यक्रम का संचालन श्री देवेंद्र मिश्रा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सुश्री प्रगति चौरसिया ने दिया। इस अवसर पर आईआईएमसी के सभी विभागों के विद्यार्थी मौजूद थे

.

कमेंट बॉक्स में इस लेख पर आप राय अवश्य दें। आप हमारे महत्वपूर्ण पाठक हैं। आप की राय हमारे लिए मायने रखती है। आप शेयर करेंगे तो हमें अच्छा लगेगा।
Show More

संजय द्विवेदी

लेखक भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक हैं। सम्पर्क +919893598888, 123dwivedi@gmail.com
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x