shailendra chouhan jaipur
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शख्सियत
बादल सरकार : भारतीय ग्रामीण पारम्परिक रंगमंच के पुरोधा
बादल सरकार उर्फ सुधीन्द्र सरकार का जन्म 15 जुलाई, 1925 को कोलकाता के एक ईसाई परिवार में हुआ। पिता महेन्द्रलाल सरकार ‘स्कॉटिश चर्च कॉलेज’ में पढ़ाते थे और विदेशियों द्वारा संचालित इस संस्था के वे पहले भारतीय प्रधानाचार्य बने…
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शख्सियत
युगपुरुष नेल्सन मंडेला
अफ्रीका के इतिहास को मानव विकास का इतिहास भी कहा जा सकता है। अफ़्रीका में 17 लाख 50 हजार वर्ष पहले पाए जाने वाले आदि मानव का नामकरण होमो इरेक्टस अर्थात उर्ध्व मेरूदण्डी मानव हुआ है। होमो सेपियेंस या…
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मुद्दा
क्या अब मूल्यहीन राजनीति के विकल्प के बारे में नहीं सोचना चाहिए?
राजनीतिक दलों और नेताओं की मुख्य चिंता आज यह है कि कैसे सत्ता पर काबिज हुआ जाए और अधिकतम समय तक वहाँ टिका रहा जाए। अब यहाँ पर हर कोई सत्ता का हिस्सा बनना चाहता है। कब्जाई हुई कुर्सी…
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साहित्य
विश्व साहित्य में महामारी का चित्रण
पिछले एक वर्ष से अधिक समय से कोविड -19 महामारी ने जीवन, समाज, साहित्य दर्शन और व्यापार सभी पर असर डाला है। बहुत सी चीजें, परिस्थितियाँ और मुद्दे पूरी तरह से बदल चुके हैं। व्यापारी अपने धन्धे और मुनाफे…
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मुद्दा
ए के रामानुजन : कितनी रामायणें
कोई दस वर्ष पहले ए के रामानुजन के रामायण से जुड़े लेख को दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से हटाने पर विवाद पैदा हुआ। लेख का शीर्षक है ‘तीन सौ रामायण, पाँच उदाहरण और अनुवादों पर तीन विचार’। लेख़ को साल…
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पुस्तक-समीक्षा
कविता का जनपक्ष : समकालीन कविता पर सार्थक विमर्श
शैलेंद्र चौहान मूलतः कवि हैं। उन्होंने कुछ कहानियाँ और एक संस्मरणात्मक उपन्यास भी लिखा है। लघु पत्रिका ‘धरती’ का एक लम्बे अरसे तक सम्पादन भी किया है। आलोचनात्मक आलेख और किताबों की समीक्षा गाहे-बगाहे लिखते रहे हैं। आठवे दशक…
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सामयिक
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बेहाल नागरिक
अब जैसा कि दिख रहा है कोरोना की दूसरी लहर ग्रामीण इलाकों में भी कहर ढा रही है। इस महामारी के दौरान जब महानगरों और शहरों में स्वास्थ्य का ढांचा बुरी तरह चरमरा गया है, ग्रामीण इलाकों की हालत…
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