muktibodh

  • शख्सियतमुक्तिबोध का

    मुक्तिबोध का आख़िरी ठिकाना

        उन्नीसवीं सदी में बैरागी शासकों ने राजनांदगाँव रियासत क़ायम की थी। देश की आज़ादी के बाद भारतीय संघ में उसका विलीनीकरण हुआ और शहर के गणमान्य नागरिकों के आग्रह पर राजा दिग्विजय दास ने महाविद्यालय की स्थापना के…

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  • शख्सियत

    भूल-ग़लती: मुक्तिबोध: एक विश्लेषण

      मुक्तिबोध ने छोटी कविताएं बहुत कम लिखी है; उनकी कविताएं अधिकतर प्रदीर्घ हैं। और जो छोटी कविताएं हैं भी उनको वे मूलतः अपूर्ण मानते हैं। कविताओं की प्रदीर्घता का कारण उनके अनुसार “यथार्थ के तत्व परस्पर गुम्फित होते हैं,…

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