mahesh parimal
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सामयिक
शहर की बदनसीबी है वृद्धाश्रम
शहर हर किसी के लिए भाग्यशाली होते हैं। क्योंकि उस शहर में बचपन गुजरा होता है। पर कई शहर बदनसीब भी होते हैं। बदनसीब इस मायने में कि जिस शहर में जितने अधिक वृद्धाश्रम होंगे, वह शहर उतना ही…
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सामयिक
पनिहारिन की पीड़ा
कई संभ्रात घरों में हम सीनरी देखते हैं, जिसमें कई पनिहारिन सर पर घड़े रखकर आते हुए दिखाई देती है। यह तस्वीर बहुत ही सुंदर लगती है। क्योंकि इसमें ग्राम्य जीवन के दर्शन होते हैं, जो शहरियों के लिए…
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