पितृसत्तात्मक भारतीय समाज में स्त्रियों का स्थान
-
मुद्दा
भूख और भोजन के बीच स्त्री
सदियों से स्त्री के दो रूपों का चित्रण साहित्य में हम देखते आ रहे हैं, पहला पोषण करती हुई स्त्री और दूसरा पोषण के एवज में दुख पाने को विवश स्त्री। इसीलिए तो मैथिलीशरण ने कहा -‘अबला जीवन हाय,…
Read More »