पारम्परिक रसोईधर की अवधारणा

  • मुद्दा

    भूख और भोजन के बीच स्त्री

      सदियों से स्त्री के दो रूपों का चित्रण साहित्य में हम देखते आ रहे हैं, पहला पोषण करती हुई स्त्री और दूसरा पोषण के एवज में दुख पाने को विवश स्त्री। इसीलिए तो मैथिलीशरण ने कहा -‘अबला जीवन हाय,…

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