ग्राम स्वराज
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पर्यावरण
इकोसोफी : संकीर्ण आत्म-बोध बनाम विस्तीर्ण आत्म-बोध
संपूर्ण विश्व पर्यावरणीय समस्याओं के उपर गंभीर एवं अतिसुव्यवस्थित बौद्धिक विमर्श कर रहा है और अपने जीवन-मूल्यों, जीवन-पद्धतियों, जीवन- दर्शन आदि को नए सिरे से सूत्रबद्ध करने की कोशिश कर रहा है। फ्रांसीसी दार्शनिक एवं मनोविश्लेषक फेलिक्स गुआटरी एवं…
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शख्सियत
सम्पूर्ण क्रान्ति के शिल्पी : लोकनायक जयप्रकाश नारायण
आजाद भारत के असली सितारे – 12 सक्रिय राजनीति से डेढ़ दशक तक दूर रहने के बाद 1974 में “सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।” के नारे के साथ जब मैदान में उतरे तो सारा देश जिनके…
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