अमृत है कहाँ

  • आन्दोलन परिक्रमाअमृत है कहाँ

    अमृत है कहाँ

      चाहे जिस किसी ने भी यह शब्द – अलंकरण – बनाया हो भाजपा नेतृत्व या उनके किसी कन्सल्टेन्ट ने, ‘भारत की आजादी बार-बार मरणासन्न होती है’ – इस वास्तविकता को यह शब्दावली स्वीकार तो करता ही है। 75 वीं…

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