- एनएपीएम टीम
जन आन्दोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने जून के प्रथम सप्ताह में अलीगढ़ में ढाई साल की बच्ची की जघन्य हत्या की निंदा करते हुए इस घटना को कुछ अतिवादी समूहों द्वारा साम्प्रदायिक रंग देकर तनाव बढ़ाने की कोशिश पर चिन्ता जताई है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एनएपीएम द्वारा लिखे गए पत्र में जहाँ हत्या की घटना के बाद अपराधियों की गिरफ़्तारी करने पर पुलिस की त्वरित कार्यवाही की सराहना की गयी वहीं उपद्रवी तत्वों द्वारा गड़बड़ी फैलाने और साम्प्रदायिक दंगा कराने की संभावना से उन्हें अवगत कराया गया है। पत्र में कहा गया है कि यह ज़रूरी है कि हत्या के सभी आरोपियों को यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर उन्हें सज़ा मिले, पर चूँकि इस हिन्दू बच्ची की हत्या के आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं अत: यह भी ज़रूरी है कि पुलिस प्रमुख मीडिया समूहों द्वारा की जा रही ग़लत रिपोर्टिंग एवं सोशल मीडिया पर डाले जा रहे नफ़रत भरे झूठे संदेशों पर रोक लगाने के लिए तत्काल क़दम उठाए ताकि समय रहते साम्प्रदायिक दंगा भड़काने की साज़िश और इसकी संभावना को ख़त्म किया जा सके। अलीगढ़ के ज़िला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को भी इस पत्र की प्रति भेजी गयी है।
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जब समाज चौतरफा संकट से घिरा है, अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं, मीडिया चैनलों की या तो बोलती बन्द है या वे सत्ता के स्वर से अपना सुर मिला रहे हैं। केन्द्रीय परिदृश्य से जनपक्षीय और ईमानदार पत्रकारिता लगभग अनुपस्थित है; ऐसे समय में ‘सबलोग’ देश के जागरूक पाठकों के लिए वैचारिक और बौद्धिक विकल्प के तौर पर मौजूद है।
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