विशेष प्रताप गुर्जर
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Aug- 2019 -18 Augustपुस्तक-समीक्षा
बदलता गाँव, बदलता देहात: नयी सामाजिकता का उदय
आज जिस पुस्तक की मैं समीक्षा लिखने जा रहा हूँ, यह एक अनोखी पुस्तक है, वह इसलिए क्यूंकि सामजशात्री और लेखक सतेंद्र कुमार ने सामाजिक विज्ञान को एक कहनीनुमा अंदाज़ में पेश किया है. पुस्तक की समीक्षा करने से…
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Jun- 2019 -11 Juneराजनीति
लोकतान्त्रिक दलों से ही मजबूत होगा भारतीय लोकतन्त्र
देश में आम चुनाव के बाद जहाँ पूर्ण बहुमत की एक मजबूत सरकार केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुई है, वहीं दूसरी और इस चुनाव के बाद एक मजबूत विपक्ष पर अंधेरे के बादल छा गए हैं। लगातार दूसरी…
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Apr- 2019 -8 AprilDemocracy4you
क्या चुनाव का पूर्वानुमान लगाना संभव है?
आजादी के पहले भारत को लोग जादूगरों और साँप-सपेरों के देश की तरह देखते थे, आज जब भारत आधुनिकता के पथ पर आगे बढ़कर हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, एक तिलिस्म ऐसा है जो आधुनिक भारत…
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Jan- 2018 -6 Januaryचर्चा में
केजरीवाल : यथार्थ के आगे चकनाचूर आदर्श!
एक पुरानी कहावत है- ‘दूध का जला, छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है’. ऐसी कहावतें हमेशा मुश्किल फैसलों की घड़ी में सार्थक साबित होती हैं. दिल्ली से जब राज्यसभा सांसद चुनने का मौका आम आदमी पार्टी को मिला तो…
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