सुशांत मिश्रा
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Apr- 2022 -14 Aprilसामयिक
मुक्ति की चाह : लोकतन्त्र का अधूरा स्वप्न
संविधान निर्माता बाबासाहब अंबेडकर व लोकतन्त्र में गहरी निष्ठा रखने वालों को समर्पित आधुनिक भारत में सामाजिक न्याय के लिए चले एक लम्बे आन्दोलन का यक्ष प्रश्न यही था कि यदि अंग्रेज चले भी गए तो क्या भारत मे…
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Sep- 2020 -28 Septemberमुद्दा
नदी हमारी सभ्यता को सींचती हैं
आप जब महानगरीय जीवन शैली में स्वयं को सहसा ही जकड़ा हुआ पाते हैं, तब आपको नदी के किनारे बसा वो अपना शहर याद आता है, या वो गाँव याद आता है, जहाँ के नदी-पोखरों में आपके बचपन की…
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Jul- 2020 -25 Julyशख्सियत
उपेक्षितों की देवी फूलन
फूलन की भारतीय समाज में उतनी ही हिस्सेदारी है जितनी कि प्रधानमन्त्री की बेटी इंदिरा की, अन्तर इतना है कि फूलन का जन्म देवीदीन निषाद के घर हुआ था, जो न तो इज्ज़तदार थे न ही जमींदार, देवीदीन न…
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Aug- 2019 -27 Augustमुद्दा
निषाद कल और वर्तमान : लोकतन्त्र में उसके सरोकार
विश्व की किसी भी संस्कृति का विस्तार करने वाले व उसके वाहक नाविक ही होते हैं, संस्कृति का बीज उन्हीं में छिपा होता है, भारत की संस्कृति को सूदूर दक्षिण एशियाई देशों व विश्व के कोने-कोने तक ले जाने…
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