गोरखपुर में प्रेमचन्द : सौ साल पहले
आज से सौ साल पहले यानी वर्ष 1920 में गोरखपुर ही मुंशी प्रेमचन्द का पता-ठिकाना...
आज से सौ साल पहले यानी वर्ष 1920 में गोरखपुर ही मुंशी प्रेमचन्द का पता-ठिकाना...
साहित्य एवं कला विमर्श के क्षेत्र में एक प्रचलित वाद है- कलावाद। जोकि यूरोप...
फनीश्वरनाथ रेणु की लोक-यथार्थ में पगी कहानियों में से एक कालजयी कहानी है –...
याद आता है फ़िल्म “ओंकारा” का एक संवाद, जो एक “भगा ली गई लड़की” का पिता...
हाल के दिनों में इतिहास की कहानियों का पन्नों से उतरकर पर्दे पर चढ़ने का...
आज के दौर में अगर डकैती पर केन्द्रित कोई फिल्म बनती है, तो यह सहज ही अनुमान...